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Brazil Covid 19 Strain: ब्राजील में फैले ‘सुपर कोविड-19’ वायरस से दुनिया में दहशत, कोरोना वैक्‍सीन भी रहेगी बेअसर!

Brazil Super Covid 19 Strain: लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील में बेहद संक्रामक सुपर कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायरस का यह नया स्‍ट्रेन दुनिया के कई हिस्‍सों तक पहुंच चुका है।

कोविड-19 महामारी से जूझ रहे ब्राजील में कोरोना वायरस का बेहद जानलेवा स्‍वरूप सामने आया है। एक ताजा शोध में पता चला है कि गत वर्ष अस्‍पताल में भर्ती 40 फीसदी मरीजों की मौत हो गई। अब इस सुपर कोविड वायरस का इससे भी ज्‍यादा संक्रामक नया स्‍ट्रेन फैलना शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि यह वायरस पहले ही अमेरिका पहुंच चुका है जिससे दुनिया में दहशत का माहौल बनता जा रहा है। उधर, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि सुपर कोविड-19 वायरस का यह नया स्‍ट्रेन कोरोना वैक्‍सीन को भी मात दे सकता है। माना जा रहा है कि इसी खतरे से जूझ रहे ब्राजील के राष्‍ट्रपति ने भारत से जल्‍द से जल्‍द कोरोना वैक्‍सीन मंगवाई है। आइए जानते हैं इस नए वायरस के बारे में सबकुछ…..

ब्राजील के उत्‍तरी-पश्चिमी इलाके में अस्‍पताल मरीजों से पटे

कोरोना वायरस का यह नया रूप ब्राजील के एक राज्‍य अमेजोनास से दुनियाभर में फैलना शुरू हुआ है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि यह सुपर कोविड वायरस गत वर्ष जुलाई महीने से ब्राजील में फैल रहा है। ब्रार्सीलोना इंस्‍टीट्यूट फॉर ग्‍लोबल हेल्‍थ के ताजा शोध से पता चला है कि देश के उत्‍तरी और उत्‍तरी-पश्चिमी इलाके में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं बेहद कमजोर हैं और बहुत कम लोगों तक ही स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की पहुंच है। इस सुपर कोविड के नए रूप से इन इलाकों में कोरोना से मौतों का खतरा बढ़ता जा रहा है। शोध में कहा गया है कि उत्‍तरी और पश्चिमोत्‍तर इलाके में कोविड-19 से देश के दक्षिणी इलाके के मुकाबले मौत का ज्‍यादा खतरा है। यह जानने का अभी कोई जरिया नहीं है कि इस इलाके में संक्रमित मरीज कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से संक्रमित थे या नहीं।

ऑक्‍सीजन खरीदने के लिए लग रही लंबी-लंबी लाइन

ब्राजील का सुपर कोरोना वायरस स्‍ट्रेन ब्रिटेन पहुंच चुका है जो पहले ही कोरोना के नए स्‍ट्रेन से बेहाल है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कहना ठीक नहीं होगा कि ब्राजील का सुपर कोरोना वायरस अमेरिका तक नहीं पहुंचा होगा। अब तक ब्राजील में 83 लाख लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। करीब दो लाख से ज्‍यादा लोग इस महमारी से ब्राजील में मारे जा चुके हैं। ब्राजील के जिस अमेजोनस राज्‍य से कोरोना का यह नया स्‍ट्रेन फैला है, वहां पर कोविड-19 के मरीजों से अस्‍पताल पट गए हैं। पूरी स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था चरमरा गई है। ब्राजील के उपराष्‍ट्रपति हैम‍िल्‍टन मोउराओ ने सुपर कोविड को इन मौतों और मामलों के लिए जिम्‍मेदार ठहराया है। मौतों के मामले में अब ब्राजील केवल अमेरिका से ही पीछे है। ब्राजील में कोरोना के केस लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। हालत यह है कि ऑक्‍सीजन खरीदने के लिए लंबी-लंबी लाइन लग रही है।

​ब्राजील में अस्‍पताल में भर्ती 38 फीसदी कोरोना मरीजों की मौत

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शोध के दौरान साल 2020 में फरवरी से अगस्‍त के बीच में ढाई लाख से ज्‍यादा कोरोना मरीज अस्‍पताल में भर्ती कराए गए। इनमें से करीब 47 फीसदी मरीज ऐसे थे जिनकी उम्र 60 साल से कम थी। ज्‍यादातर जगहों पर कोरोना वायरस से बीमार होने के बाद अस्‍पताल में भर्ती कराए जाने वाले लोग बुजुर्ग थे। शोध से पता चला है कि मारे गए ज्‍यादातर लोग बुजुर्ग थे। ब्राजील में अस्‍पताल में भर्ती 38 प्रतिशत मरीजों की संक्रमण से मौत हो गई। अमेरिका में यह आंकड़ा करीब 20 फीसदी है। पूरे ब्राजील में 60 साल से कम उम्र के लोगों के मरने का आंकड़ा 15 प्रतिशत है। शोध में कहा गया है कि उत्‍तरी और पश्चिमोत्‍तरीय इलाके में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं बहुत खराब हैं, इसलिए वहां ज्‍यादा मौत हुई है।

​दुनियाभर में कोरोना वायरस से 20 लाख लोगों की मौत

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कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को लगभग 20 लाख हो गई है। हालांकि कई देशों ने महामारी पर काबू पाने के लिए अपने यहां टीकाकरण शुरू कर दिया है लेकिन गरीब और कम विकसित देशों में टीका पहुंचने में दिक्कत है। कोरोना वायरस दिसंबर 2019 में पहली बार चीन के वुहान शहर में सामने आया था। मृत्यु संबंधी आंकड़े ब्रसेल्स, मक्का और वियना की आबादी के बराबर हैं। बता दें कि शुरुआती 10 लाख लोगों की मौत आठ महीनों में हुई थी लेकिन अगले 10 लाख लोग चार महीने से भी कम समय में मर गए। मौत के ये आंकड़े दुनियाभर में सरकारी एजेंसियों द्वारा बताए गए हैं, जबकि बीमारी के कारण मृतकों की असल संख्या अधिक हो सकती है क्योंकि महामारी के शुरुआती दिनों में मौत होने के कई अन्य कारण भी बताए गए थे।

​ब्राजील, भारत के लिए यह साल भी चुनौतियों से भरा

ब्रॉउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विशेषज्ञ डॉ आशीष झा ने कहा कि काफी लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय ने असाधारण काम किया है। अमेरिका, ब्रिटेन, इज़राइल, कनाडा और जर्मनी जैसे संपन्न देशों में लाखों लोगों को सुरक्षा देने का काम शुरू किया जा चुका है। उन्हें कम से कम टीके की एक खुराक दी गई है। कई ऐसे देश हैं जहां टीका पहुंचा ही नहीं है। कई विशेषज्ञ अनुमान जता रहे हैं कि ईरान, भारत, मेक्सिको और ब्राजील में यह साल भी दुश्वारी भरा हो सकता है। दुनियाभर में कोविड-19 से मरने वालों में आधे लोग इन्हीं देशों से थे। अमीर देशों में टीकाकरण अभियान तो चल रहा है लेकिन गरीब देशों में इस अभियान को चलाने में कई बाधाएं हैं। इनमें कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली होना, लचर परिवहन व्यवस्था, भ्रष्टाचार और टीके को फ्रीज़र में रखने के लिए बिजली का अभाव शामिल हैं।

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