कोरोना वायरस संक्रमण के कारण महामारी की चपेट में आई दुनिया के लोगों के लिए जहां मास्क कारगर सिद्ध हो रहा वहीं पक्षियों समुद्री व वन्य जीवों के लिए यह नुकसानदेह है। एक बार पहना जाने वाला पतला सा मास्क नष्ट होने में काफी समय लेता है।
वाशिंगटन, एएफपी। कोरोना वायरस महामारी (coronavirus pandemic) के दौरान कारगर मास्क ( Masks) वन्यजीवों, पक्षी और पानी में रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए नुकसानदेह और घातक साबित हो रहा है। जब से कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सार्वजनिक जगहों पर मास्क को अनिवार्य किया गया है तब से एकबार इस्तेमाल किए जाने वाले सर्जिकल मास्क दुनिया भर के सड़कों, पानी और समुद्री तटों पर बिखरे पड़े हैं। एक बार पहना जानेवाला पतला सा प्रोटेक्टिव मटीरियल नष्ट होने में सैंकड़ों साल लगा देता है। पशु अधिकारों के समूह पेटा (PETA) के एश्ले फ्रुनो (Ashley Fruno) ने कहा, ‘फेस मास्क का इस्तेमाल जल्दी नहीं खत्म होने वाला है लेकिन इस्तेमाल के बाद जब हम इसे फेंक देते हें तब यह पर्यावरण और जानवरों को नुकसान पहुंचा सकता है।’
मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के बाहरी इलाके में लंगूरों को मास्क के स्ट्रेप चबाते हुए देखा गया। वहीं ब्रिटेन के चेम्सफोर्ड सिटी में भी समुद्री पक्षी का पैर इस मास्क के फंदे में एक सप्ताह तक फंसा रह गया था। एनिमल वेलफेयर चैरिटी ने इस घटना का जिक्र कर सतर्क किया। चैरिटी की नजर जब इस पक्षी पर गई तब इसके पैर बंधे होने के कारण यह बेहोशी की अवस्था में था इसे तुरंत वन्यजीव अस्पताल (wildlife hospital) ले जाया गया।
पर्यावरण के लिए काम करने वाले ग्रुप ओशंस एशिया (OceansAsia) के अनुसार, पिछले साल 1.5 बिलियनसे अधिक मास्क समुद्रों में प्रवाहित किए गए।