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Income Tax Refund: ITR फाइल करने के बाद भी अब तक नहीं मिला रिफंड? इन गलतियों से हो सकती है देरी

Income Tax Refund: टैक्स विभाग द्वारा नई टेक्नोलॉजी को शुरू करने के बाद टैक्सपेयर्स को एक सप्ताह में भी रिफंड मिल रहा है. लेकिन, टैक्सपेयर्स की कई छोटी गलतियों की वजह से रिफंड मिलने में देरी हो सकती है. इसके कई कारण हैं, जिसके बारे में हम यहां जानकारी दे रहे हैं.

नई दिल्ली. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बुधवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि 1 अप्रैल 2020 से लेकर 11 जनवरी 2021 के बीच 1.57 करोड़ टैक्सपेयर्स को 1,73,139 करोड़ रुपये का रिफंड (Income Tax Refund) जारी किया जा चुका है. 1,54,55,577 मामलों में 57,139 करोड़ रुपये का रिफंड जारी हुआ है. जबकि, 2,10,150 मामलों में 1,15,999 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) जारी किया गया है. हालांकि, सोशल मीडिया कई टैक्सपेयर्स का कहना है कि आईटीआर फाइल करने के 4 से 5 महीने के बाद भी उन्हें अब तक रिफंड नहीं मिला है.

दिसंबर महीने में की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करने के एक सप्ताह के अंदर ही रिफंड मिल जा रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि पहले की तुलना में अब इनकम टैक्स रिफंड की प्रोसेसिंग तेजी से हो रही है. उतनी ही तेजी से रिफंड भी जारी किया जा रहा है.

कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि हमने कई ऐसे मामले देखें हैं, जिसमें टैक्सपेयर्स को बहुत जल्द ही रिफंड मिल रहा है. इसके पहले ऐसा नहीं देखने को मिलता था. ITR-1 और ITR-4 के मामले में ऐसा हो रहा है. दरअसल, इनकम टैक्स विभाग ने अपने प्लेटफॉर्म पर एक नई टेक्नोलॉजी – CPC 2.0 – का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इसके अलावा टैक्स विभाग ने ‘‘झटपट प्रोसेसिंग’’ नाम से एक नई पहल भी शुरू की है. झटपट प्रोसेसिंग के तहत आईटीआर-1 और आईटीआर-4 की प्रोसेसिंग शुरू हो चुकी है.

ऐसे में अगर आपको भी इनकम टैक्स रिफंड फाइल करने के बाद अब तक रिफंड नहीं मिला है तो इसके कई कारण हो सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में…

बैंक अकाउंट की गलत जानकारीः टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा शुरू किए गए नये प्रोसेस के तहत, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही इनकम टैक्स रिफंड जारी किया जा रहा है. इसका मतलब है कि रिफंड की राशि सीधे टैक्सपेयर के बैंक अकाउंट में भेजी जा रही है. ऐसे में अगर फॉर्म में बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी गलत है तो रिफंड मिलने में देरी हो सकती है. तब तक रिफंड नहीं मिल सकेगा, जब तक की इसे ठीक नहीं किया जाता है. बैंक अकाउंट की जानकारी इनकम टैक्स के पोर्टल पर जाकर ठीक की जा सकती है. यह भी ध्यान देना है कि जो बैंक अकाउंट आप दे रहे हैं, वो आपके पैन से लिंक हो.

बैंक अकाउंट वैलिडेशनः रिफंड पाने के लिए जरूरी है कि बैंक अकाउंट को वैलिडेट किया गया हो. इसके लिए आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाएं और पैन व पासवर्ड की मदद से लॉगिन करें. इसके बाद आपको एक ‘प्रिवैलिडेट योर बैंक अकाउंट’ का विकल्प मिलेगा. अगर आपका बेंक अकाउंट ई-फाइलिंग पोर्टल से इंटीग्रेटेड है तो इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन कोड यानी ईवीसी के माध्यम से प्रिवैलिडेशन सीधे हो जाएगा. आपको बैंक अकाउंट, IFSC कोड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी देना होगा.

ITR वेरिफाई नहीं होनाः इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का प्रोसेस तभी पूरा होता है, जब आप अपना आईटीआर वेरिफाई कर लेते हैं. ऐसा नहीं करने पर आईटीआर प्रोसेसिंग नहीं की जाएगी और आपको रिफंड मिलने में देरी होगी.

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