Budget 2021: कोराना संकट काल से गुजरते देश के लिए इस साल का आम बजट (Union Budget) बेहद खास रहने वाला है. 1 फरवरी को पूरे देश की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) पर होंगी. लोकसभा सचिवालय ने बजट सत्र की तारीखों का ऐलान कर दिया है.
नई दिल्ली: Budget 2021: 1 फरवरी को देश का आम बजट (Union Budget 2021) पेश किया जाएगा. तारीखों का आधिकारिक ऐलान कर दिया गया है. संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCPA) ने बजट सत्र का पूरा शेडयूल जारी किया है. संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा और 2 भागों में 8 अप्रैल तक चलेगा. इस साल का बजट बेहद खास रहने वाला है, इसका इशारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद कर चुकी है. ये बजट कोरोना संकट के दौर से गुजरते देश के लिए दशा और दिशा दोनों तय करेगा. इसलिए उम्मीदें भी बहुत ज्यादा है.
29 जनवरी से बजट सत्र की शुरुआत
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, बजट सत्र पहला चरण 29 जनवरी से शुरू होगा और 15 फरवरी तक चलेगा जबकि दूसरा हिस्सा 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 जनवरी को सुबह 11 बजे संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी. संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCPA) ने 29 जनवरी से बजट सत्र की सिफारिश की थी.
कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन होगा
17वीं लोकसभा के पांचवें सत्र में 35 सिटिंग्स होंगी, जो कि पहले भाग में 11 और दूसरे भाग में 24 निर्धारित की गई हैं. सत्र के दौरान कोरोना वायरस से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. कोरोना संकट की वजह से बजट को तैयार करने में विशेष सावधानियां बरती गईं हैं. इस साल बजट की छपाई नहीं की जा रही है. इस बार सभी को बजट की सॉफ्ट कॉपी दी जाएगी. इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट से पहले होने वाली सभी बैठकें वर्चुअल तरीके से ही की हैं.
आम लोगों से भी मांगे गए हैं सुझाव
सरकार ने इस बार आम लोगों से भी बजट को लेकर सुझाव मांगे हैं. सरकार ने बजट के लिए पोर्टल और ई-मेल के जरिए भी सुझाव मांगे हैं. बता दें कि कोरोना के चलते इस बार संसद का शीतकालीन सत्र नहीं बुलाया गया था. सरकार ने कहा था कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इस बार संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) का आयोजन नहीं होगा. विपक्ष ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की थी और कहा था कि सरकार किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने से बचना चाहती है. इसलिए सत्र नहीं बुला रही है.