आरबीआई के वर्किंग ग्रुप में छह सदस्य हैं. वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष आरबीआई की डिप्टी डायरेक्टर जयंत कुमार दास होंगे. ग्रुप तीन महीने में अपनी रिपोर्ट पेश कर देगा
आसानी से लोन अप्रूव कर ग्राहकों में लोकप्रिय बने ऑनलाइन लोन ऐप पर लगाम कसने के लिए आरबीआई ने पूरी तैयारी कर ली है. लोन देने वाले मोबाइल ऐप की ओर से ऊंची ब्याज दर पर लोन देने और वसूली के गलत तरीके अपनाने की शिकायतों के बाद रिजर्व बैंक ने इनके कामकाज के तरीकों की जांच के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाया है. दरअसल इन ऐप के जरिये ऊंची ब्याज दरों पर लोन देने, वसूली के गलत तौर-तरीके और डेटा रिस्क को लेकर आरबीआई को लगातार शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद से ही आरबीआई ने इन पर लगाम लगाने का फैसला किया है.
आरबीआई ने बनाया छह सदस्यीय वर्किंग ग्रुप
आरबीआई के वर्किंग ग्रुप में छह सदस्य हैं. वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष आरबीआई की डिप्टी डायरेक्टर जयंत कुमार दास होंगे. ग्रुप तीन महीने में अपनी रिपोर्ट पेश कर देगा. वर्किंग ग्रुप से कहा गया है कि वे अनरेगुलेटेड लैंडिंग ऐप से कंज्यूमर को होने वाले खतरों की पहचान करें. आरबीआई ने हाल ही में जल्दी लोन अप्रूव करने और ऊंजी दरों पर लोन देने वाले ऑनलाइन ऐप से लोगों को आगाह किया था.
आसान शर्तें बता कर ग्राहकों को फंसाते हैं ये ऐप
पिछले कुछ सालों से ऑनलाइन लोन देने वाले ऐप ग्राहकों में काफी लोकप्रिय हुए हैं. ये कंज्यूमर को आसान शर्तों पर लोन देते हैं. लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण से पैदा खराब आर्थिक हालत की वजह से कई ऐसे ऐप भी शुरू हो गए हैं जो ग्राहकों को लोन देने के नाम पर फंसाते हैं.उनकी शर्तें ऐसी होती हैं कि लोन आसान लगता है लेकिन छिपे हुए चार्जेज की वजह से यह काफी महंगा हो जाता है. जब ग्राहक लोन चुकाने में नाकाम रहता है तो ये ऐप वसूली के लिए गैरकानूनी तरीके अपनाते हैं.