विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. इस दिन श्रवण नक्षत्र में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से ध्वज योग बन रहा है.
जयपुर: इस वर्ष मकर संक्रांति (Makar Sankranti) में सूर्य देव 14 जनवरी को प्रातः 8:14 बजे आ जाएंगे. 14 जनवरी को ही संक्रांति का पुण्य काल पूरे दिन मनाया जाएगा. गुरुवार को श्रवण नक्षत्र होने से केतु अर्थात ध्वज योग बनता है. इस योग में सूर्य देव का राशि परिवर्तन शुभ माना गया है किंतु मकर राशि में ही पहले से शनि और बृहस्पति चल रहे हैं.
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास (Anish Vyas) ने बताया कि इन तीनों ग्रहों की तिकड़ी इस वर्ष के पूर्वार्ध में राजनीतिक, सामाजिक उथल-पुथल मचा सकती है. मकर राशि में सूर्य के आने पर सभी शुभ मुहूर्त शादी विवाह गृह प्रवेश आदि आरंभ हो जाते हैं किंतु इस बार ऐसा नहीं होगा क्योंकि 17 जनवरी से गुरु अस्त हो जाएंगे. गुरु अस्त में विवाह कार्य, घर और गृहस्थी के कार्य करना अशुभ माना गया है. इसलिए इस बार विवाह मुहूर्त नहीं है.
मकर राशि में 5 ग्रहों का बन रहा योग
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. इस दिन श्रवण नक्षत्र में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से ध्वज योग बन रहा है. यह खास संयोग कई राशियों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा. इस साल 14 जनवरी को मकर राशि में सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर प्रवेश करेंगे. मकर संक्रांति के जिन श्रवण नक्षत्र होने से इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है. सूर्य के मकर राशि में आने से मकर संक्रांति के दिन 5 ग्रहों का शुभ संयोग बनेगा, जिसमें सूर्य, बुध, चंद्रमा और शनि शामिल हैं. जोकि एक शुभ योग का निर्माण करते हैं, इसीलिए इस दिन किया गया दान और स्नान जीवन में बहुत ही पुण्य फल प्रदान करता है और सुख समृद्धि लाता है.
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि इस दौरान पौष माह चल रहा है. मकर संक्रांति पौष मास का प्रमुख पर्व है. इस दिन माघ मास का आरंभ होता है. इस वर्ष मकर संक्रांति पर पूजा पाठ स्नान और दान के लिए सुबह 8 बजकर 30 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक पुण्य काल रहेगा.
पुण्य काल मुहूर्त: सुबह 08:03 से 12:30 तक
महापुण्य काल मुहूर्त: सुबह 08:03 से 08:27 तक
भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हुए सूर्य के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए:
श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर मालवीय नगर के पंडित मदन मोहन (भगवान सहाय) शर्मा ने बताया कि ॐ सूर्याय नम:, ॐ भास्कराय नम:, ॐ रवये नम:, ॐ मित्राय नम:, ॐ भानवे नम:, ॐ खगय नम:, ॐ पुष्णे नम:, ॐ मारिचाये नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ सावित्रे नम:, ॐ आर्काय नम:, ॐ हिरण्यगर्भाय नम: आदि.
विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास से जानिए सूर्य के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव-
मेष राशि: दशम भाव में सूर्य आर्थिक पक्ष मजबूत करेंगे. इस माह धनागमन होगा. बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा.
वृषभ राशि: वृषभ राशि वालों के लिए भाग्य भाव में सूर्य आएंगे जो भाग्य में वृद्धि करेंगे. आकस्मिक धन का लाभ होगा और परिवार में मंगल कार्य होने की संभावना है.
मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों के लिए अष्टम सूर्य शुभ-अशुभ दोनों प्रकार के फल प्रदान करेंगे. यात्राओं का योग होगा,किंतु धन का अपव्यय बहुत होगा.
कर्क राशि: सप्तम भाव में सूर्य का आगमन व्यापार को बढ़ाएगा. प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और महिला सदस्यों से लाभ होंगे.
सिंह राशि: छठे स्थान में सूर्य आने पर विभिन्न प्रकार के आय के साधन बनेंगे. स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा. जल्दबाजी से बचें.
कन्या राशि: कन्या राशि वालों के लिए पंचम भाव में सूर्य आने से प्रतिष्ठा वृद्धि होगी. लोगों का समर्थन मिलेगा और आपको नौकरी मे प्रमोशन अथवा वेतन वृद्धि का योग बनेगा.
तुला राशि: तुला राशि वालों के लिए चतुर्थ भाव में सूर्य अच्छा फल देगा, किंतु माता अथवा किसी महिला सदस्य से विवाद की संभावना बनेगी. वाणी पर नियंत्रण रखें. लाभ होगा.
वृश्चिक राशि: तृतीय भाव में सूर्य का आगमन प्रखर वृद्धि करेगा और क्षमताओं का बढ़ाएगा. नए-नए कार्यों की योजना बनेगी किंतु चोट आदि से दूर रहें.
धनु राशि: धनु राशि वालों के लिए द्वितीय भाव अर्थात धन भाव में सूर्य का आगमन प्रसिद्धि और धन प्रदान करेगा. परिवार में प्रसन्नता का माहौल बनेगा.
मकर राशि: मकर राशि पर ही सूर्य आ रहे हैं, इसलिए आपको ज्यादा जागरुक रहना है. क्रोध पर नियंत्रण रखें. आवेश से बचें. मकर का सूर्य आपको प्रतिष्ठा दिलाएगा, किंतु मन में अहंकार का भाव भी निर्माण कर सकता है.
कुंभ राशि: कुंभ राशि में 12 स्थान पर सूर्य का आगमन आपके खर्चों में वृद्धि करेगा. धन आगमन की अपेक्षा धन का खर्च होगा. मित्रों से दूर रहें,क्योंकि इन दिनों आप मित्रों से धोखा खा सकते हैं.
मीन राशि: लाभ स्थान में सूर्य का आगमन महीनेभर आपको विभिन्न स्रोतों से लाभ होता रहेगा. मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. किंतु जोश में होश मत होना. स्वास्थ्य को लेकर विशेष ध्यान रखें.
राशि के अनुसार करें ये दान
मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व माना गया है. विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि इस दिन तिल व गुड़ के बने व्यंजन खिचड़ी ऊनी वस्त्र आदि का दान करने का विधान है. इस दिन किए गए दान-पुण्य से कई गुणा अधिक फल मिलता है. राशि के अनुसार दान करने से इसका फल कई गुणा अधिक हो जाता है.
मेष राशि- लाल वस्त्र, तांबे के बर्तन, मसूर की दाल.
वृषभ राशि – चावल, खिचड़ी चांदी की वस्तुएं, घी.
मिथुन राशि – हरे व पीले वस्त्र, हरी सब्जी, मूंग.
कर्क राशि- सफेद वस्त्र, तंदुल और सफेद ऊन.
सिंह राशि- गेहूं गुड़, ताम्र पात्र और लाल कपड़े.
कन्या राशि – गो अर्क, फल, खड़ाऊं, हरी घास.
तुला राशि – सप्तधान इत्र.
वृश्चिक राशि – गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र.
धनु राशि – शक्कर हल्दी स्वर्ण और पीले वस्त्र.
मकर राशि – काला कंबल, काले तिल.
कुंभ राशि- गाय का घी, काले वस्त्र.
मीन राशि – चने की दाल, धर्म ग्रंथ व पीले वस्त्र.