भारत में वॉट्सऐप की नई नीति से नाराज लोग एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप सिग्नल पर जा रहे हैं, तो अगर आप अपने पुराने वॉट्सऐप ग्रुप्स को सिग्नल ऐप पर शिफ्ट करना चाहते हैं तो स्टेप्स काफी आसान हैं…
फेसबुक (Facebook) के स्वामित्व वाले मैसेंजर वॉट्सऐप (WhatsApp) की नई प्राइवेसी पॉलिसी से नाराज़ लोग अब तेज़ी से दूसरे प्लेटफॉर्म की तरफ बढ़ रहे हैं. इस लिस्ट में सिग्नल (Signal) ऐप का नाम अभी सबसे आगे हैं. भारत में वॉट्सऐप की नई नीति से नाराज लोग एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप सिग्नल पर जा रहे हैं, लेकिन अधिकतर यूजर्स के सामने एक ही समस्या आ रही है कि आखिर वो अपने पुराने वॉट्सऐप ग्रुप्स को सिग्नल ऐप पर कैसे शिफ्ट करें. नए यूज़र्स की समस्याओं को हल करने के लिए सिग्नल ने एक ट्वीट किया और लिखा कि बहुत से लोग पूछ रहे हैं कि अपनी वॉट्सऐप ग्रुप्स की चैट को सिग्नल में कैसे ट्रांसफर किया किया जाए? इसके लिए सिग्नल ने एक ग्रुप लिंक शुरू किया हैं.
सिग्नल पर अपने वॉट्सऐप ग्रुप को आसानी से ट्रांसफर करने के लिए, एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप ने बेहद ही आसान चार स्टेप तैयार किए हैं. अपने बयान में सिग्नल ऐप ने कहा कि सबसे पहले यूज़र सिग्नन पर एक नया ग्रप बनाएं. इसके बाद आप ग्रुप सेटिंग्स पर जाएं और वहां से ग्रुप लिंक्स पर क्लिक करें. फिर ग्रुप लिंक को ऑन करें और उसे अपने पुराने मैसेंजर ऐप के ग्रप्स में शेयर करें.
ग्रुप इनवाइट लिंक मिलने के बाद, सिग्नल ऐप यूज़र इसे अपने पुराने वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर कर सकते हैं, ताकि ग्रुप के दूसरे मेंबर्स सीधे नए सिग्नल ग्रुप में खुद को जोड़ सकें.
इस बीच सिग्नल ऐप ने ये भी कहा है कि उनका प्लैटफॉर्म जल्द ही भारत में नए सिग्नल फीचर शुरू करने जा रहा है. नए सिग्नल फीचर में चैट वॉलपेपर, एनिमेटेड स्टिकर, iOS के लिए मीडिया ऑटो-डाउनलोड सेटिंग्स और फुल-स्क्रीन प्रोफाइल फोटो जैसी सुविधाएं शामिल होंगे.
क्या है Whatsapp की नई प्रवाइसी पॉलिसी
दरअसल वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी 8 फरवीर से लागू हो जाएगी और ऐप ने कहा है कि अगर यूज़र्स इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो उनका अकाउंट अपने आप बंद हो जाएगा. नई पॉलिसी के तहत वॉट्सऐप अपने यूज़र्स का इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (IP Address) फेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी दूसरी थर्ड पार्टी को दे सकता है.
इसके अलावा वॉट्सऐप अब आपकी डिवाइस से बैटरी लेवल, सिग्नल स्ट्रेंथ, ऐप वर्जन, ब्राउजर से जुड़ी जानकारियां, भाषा, टाइम जोन फोन नंबर, मोबाइल और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी जैसी जानकारियां भी जमा करेगा. पुरानी प्राइवेसी पॉलिसी में इनका जिक्र नहीं था.