यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने मकान मालिक और किरायेदारों के बीच विवादों को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 बनाया है. अध्यादेश के मुताबिक, अब आवासीय मकानों (Residential Houses) के लिए महज 5 फीसदी और गैर आवासीय परिसर (Non-Residential Property) में 7 फीसदी सालाना किराया बढ़ाया जा सकेगा.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकार ने राज्य में दूसरे शहरों में किराये के मकानों या फ्लैट (Rented House/Flat) में रहकर नौकरी या बिजनेस करने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है. दरअसल, यूपी सरकार (Uttar Pradesh Government) ने नए किरायेदारी कानून (Tenant Law) को मंजूरी दे दी है. इसके तहत मकान मालिक (Landlord) अब मनमाने ढंग से किराया नहीं बढ़ा सकेंगे. इससे किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच होने वाले विवादों में भी कमी आने की उम्मीद की जा रही है.
यूपी सरकार ने किया रेंट अथॉरिटी और रेंट ट्रिब्यूनल
योगी आदित्यनाथ सरकार ने मकान मालिक और किरायेदारों के बीच अक्सर होने वाले विवादों को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 बनाया है. इस अध्यादेश को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये मंजूरी दे दी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि अध्यादेश के तहत अब कोई भी मकान मालिक बिना एग्रीमेंट किसी को भी किराये (Rent Agreement) पर अपना मकान नहीं दे पाएगा. मकान मालिक और किरायेदार के बीच किसी भी विवाद (Dispute) के निपटारे के लिए रेंट अथॉरिटी (Rent Authority) और रेंट ट्रिब्यूनल (Rent Tribunal) का प्रावधान भी किया गया है.
अब सिर्फ 5 से 7 फीसदी किराया ही बढ़ाया जा सकेगा
प्रवक्ता के मुताबिक, रेंट अथॉरिटी और रेंट ट्रिब्यूनल को ज्यादा से ज्यादा 60 दिन के भीतर विवाद को निपटाना ही होगा. इसके अलावा इस अध्यादेश के अनुसार कोई मकान मालिक मनमाने तरीके से किराया नहीं बढ़ा सकेगा. वह आवासीय मकानों (Residential Houses) के लिए महज 5 फीसदी और गैर आवासीय परिसर (Non-Residential Property) में केवल 7 फीसदी सालाना किराया बढ़ाया जा सकेगा. प्रवक्ता ने बताया कि रेंट एग्रीमेंट की अवधि पूरी होने के बाद उसका नवीकरण (Renew Agreement) अनिवार्य होगा.
मकान मालिक को देनी होगी किराये की रसीद
अध्यादेश के मुताबिक, दो महीने तक किराया नहीं मिलने पर मकान मालिक किराएदार को अपने मकान से निकाल सकेंगे. इसके अलावा सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर मकान मालिक दो महीने से ज्यादा का एडवांस नही ले सकेंगे. गैर आवासीय परिसरों के लिए 6 महीने का एडवांस लिया जा सकेगा. वहीं, किराएदार मकान मालिक से बिना पूछे कोई तोड़फोड़ मकान में नहीं करा सकेगा. पहले से रह रहे किराएदारों के साथ एग्रीमेंट के लिए 3 महीने का समय दिया गया है. साथ ही कहा गया है कि मकान मालिक को किराये की रसीद किरायेदार को देनी होगी. वहीं, मकान मालिक को मकान में सभी जरूरी सेवाएं उपलब्ध करानी होंगी.