लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार चीन के वुहान शहर में कोरोना की चपेट में आए 1733 रोगियों में इस खतरनाक वायरस के दीर्घकालीन प्रभाव को लेकर गौर किया गया। ये लोग गत वर्ष जनवरी और मई में संक्रमित पाए गए थे।
बीजिंग, प्रेट्र। कोरोना वायरस (Covid-19) की चपेट में आने वाले लोगों पर संक्रमण का लंबे समय तक असर रह सकता है। एक नए अध्ययन का दावा है कि अस्पताल में भर्ती रहे एक तिहाई से ज्यादा कोरोना पीड़ितों में बीमारी से जुड़ा कोई एक लक्षण छह माह तक रह सकता है।
लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, चीन के वुहान शहर में कोरोना की चपेट में आए 1,733 रोगियों में इस खतरनाक वायरस के दीर्घकालीन प्रभाव को लेकर गौर किया गया। ये लोग गत वर्ष जनवरी और मई में संक्रमित पाए गए थे। जनवरी में बीमार पड़े लोगों पर जून तक और मई में रोगी पाए गए पीड़ितों पर सितंबर तक नजर रखी गई।
फेफड़ों की कार्यक्षमता का किया गया विश्लेषण
चीन के जिन यिन-टेन अस्पताल के शोधकर्ताओं ने कोरोना को मात देने वाले इन पीड़ितों से आमने-सामने बैठकर एक प्रश्नावली के आधार पर बातचीत की और उनमें कोरोना संबंधी लक्षणों पर गौर किया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद इन मरीजों की शारीरिक जांच करने के साथ ही लैब टेस्ट भी किए गए। इनमें फेफड़ों की कार्यक्षमता का विश्लेषण किया गया।
26 फीसद ने नींद संबंधी कठिनाई की कही बात
शोधकर्ताओं के मुताबिक, पीड़ितों में मांसपेशी की समस्या आमतौर पर पाई गई। 63 फीसद रोगियों ने मांसपेशी में कमजोरी की शिकायत की। 26 फीसद ने नींद संबंधी कठिनाई की बात कही। जबकि 23 फीसद पीड़ितों में एंग्जाइटी या डिप्रेशन (अवसाद) की समस्या पाई गई।
शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोना से उबरने वाले पीड़ितों पर काफी कम अध्ययन हुए हैं। इसलिए स्वास्थ्य पर कोरोना के दीर्घकालीन प्रभाव के बारे में कम जानकारी है। इस अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता बिन काओ ने कहा, ‘हमारे विश्लेषण से जाहिर होता है कि अस्पताल से निकलने के बाद ज्यादातर रोगियों को लंबे समय तक किसी एक लक्षण का सामना करना पड़ता है।’