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जन्मदिन विशेष: Irrfan Khan ने जब ‘उसको ब्लैकमेल’ करने की कोशिश की

irrfan khan

सदी के सबसे अलग अभिनेता इरफान खान (Irrfan Khan) ने फिल्मी दुनिया में हीरो की नई परिभाषा बना दी, क्या इरफान ने अपनी पूरी जिंदगी में किसे ‘ब्लैकमेल’ करने की कोशिश की..

07 जनवरी 1967.. यही वो तारीख थी, जब इरफान खान ने इस दुनिया में कदम रखा था. भारत का एक ऐसा अनोखा कलाकार जिसने अपनी जिंदगी में हर जंग को बड़े ही अनोखे ढंग से से लड़ा. इरफान खान की एक्टिंग का हर कोई दीवाना है, वही इरफान खान (Irrfan Khan) जो हर किरदार में अपने आप फिट हो जाते थे. आज इरफान खान का जन्मदिन है, ऐसा पहली बार है जब खुद इरफान अपने जन्मदिन को मनाने के लिए इस दुनिया में नहीं हैं.

कैंसर को ब्लैकमेल करने वाले इरफान खान

29 अप्रैल, 2020… ये तारीख थी जब इरफान खान Irrfan Khan ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. इरफान खान के जीवन का कारवां यहीं तक था.  वो कलाकार जिसे फिल्मों में मरता देखकर आंखें लबालब भर आती थी, वो असल जिंदगी में चला गया. आज इरफान के जन्मदिन का जन्मदिन (Birth Day) है, रियल लाइफ में उन्होंने कैंसर को ब्लैकमेल करने की बहुत कोशिश की. लेकिन रील लाइफ में तेज़ दौड़ने वाले पान सिंह तोमर Paan Singh Tomar ज़िंदगी की असल दौड़ हार गए.

राजस्थान के जयपुर Jaipur में जन्मे इरफान के पिता का टायर का बिजनेस था. इरफान ने MA की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1984 में देश की राजधानी दिल्ली में स्खि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा NSD आ गए थे. इरफान को सिर्फ एक्टिंग ही नहीं बल्कि क्रिकेट Cricket का भी शौक था. क्रिकेट के प्रति उनका इतना लगाव था कि वो एक वक्त उभरते हुए खिलाड़ियों की तरह खुद को तराश रहे थे. इरफान का चयन सीके नायडु क्रिकेट ट्रॉफी के लिए भी हुआ था. हालांकि एक वक्त ऐसा आया कि पैसों की तंगी के चलते उन्होंने क्रिकेटर बनने के सपने को अधूरा ही छोड़ दिया.

वो कहते हैं न.. जब हौसला बुलंद हो तो उड़ान भरने के लिए आसमान भी छोटा पड़ जाता है. इरफान के साथ भी कुछ ऐसा ही था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत छोटे पर्दे से की थी. उन्होंने कई धारावाहिकों के जरिए खुद को तराशने की कोशिश की. चाणक्य, भारत एक खोज, सारा जहां हमारा, बनेगी अपनी बात, चंद्रकांता और श्रीकांत जैसे धारावाहिकों से इरफान ने बॉलीवुड और फिर हॉलीवुड तक का सफर तय किया.

अपनी लगन से हासिल किया बड़ा मुकाम

जब बॉलीवुड Bollywood फिल्मों में इरफान खान आए थे, तो हर बार उनके किरदारों में एक अलग ही रंग था. सबसे अलग बात तो यह थी कि उन्हें बहुत सारे लोगों ने नॉन कमर्शियल हीरो की कैटगरी में रखा. लेकिन, इरफान के जज्बे और अभिनय ने सारी फिल्मों का ऑल इन वन पैकेज में तब्दील कर दिया. अपने कलाकारी के दम पर उन्होंने बॉक्सऑफिस को ये मालामाल करना शुरू किया तो हर किसी का ये वहम चकनाचूर हो गया कि वो नॉन कमर्शियल हीरो हैं.

इरफान ने पर्दे पर रोमांस किया, तो अपने ब्लैकमेलिंग अंदाज के लिए उन्हें हर किसी ने सलाम किया. वो पीकू के ड्राइवर बने, तो पान सिंह तोमर भी बने. फिल्म, अभिनय से शायद इरफान के लगाव को शब्दों में बयां कर पाना शायद ही मुमकिन हो पाएगा.

फिल्मी दुनिया को दिखाया अपना दम

इरफान खान ने अपनी कई फिल्मों में बेमिसाल अदाकारी के दम पर इंडस्ट्री में अपना लोहा मनवाया. उन्होंने कई कैटेगरी में ऑस्कर विनिंग मूवी स्लमडॉग मिलियनेयर में अद्भुत किरदार निभाया. पीकू से लेकर बिल्लू-बारबर तक, हासिल से लेकर मकबूल तक लंचबॉक्स से लेकर ब्लैकमेल तक में इरफान की अदाकारी का कोई जवाब नहीं है.

इरफान के फिल्मी करियर पर एक नजर

इरफान ने सलाम बॉम्बे Salaam Bombay से बॉलीवुड में कदम रखा था, जो वर्ष 1988 में रिलीज हुई थी. धीरे-धीरे इरफान सफलता की सीढ़ी तेजी से चढ़ते गए. देखते ही देखते वो बॉलीवुड के ऐसे अभिनेता बन गए जिन्होंने अपनी एक्टिंग Acting के दम पर हीरो की परिभाषा को ही बदल डाली. इरफान खान ने अपने 30 साल के फिल्मी करियर में करीब 50 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया. उनकी अभिनय और कला का लोहा कभी कोई नहीं भुला सकेगा.

वर्ष 2003 में फिल्म मकबूल में इरफान और तबु की केमिस्ट्री, फिर इरफान साल 2005 में Film ‘इरफान’ के लीड किरदार की भूमिका निभाते हैं. उनकी फिल्म रोग एक गाना सुनकर आज भी हर किसी का गला भर आता है, “मैंने दिल से कहा ढूंढ लाना खुशी, नासमझ लाया गम तो ये गम ही सही”. पान सिंह तोमर बनकर जब बड़े पर इरफान उतरे तो बड़े पर्दे पर धूम मच गई. इरफान खान को बिल्लू बार्बर बनते हुए भी दर्शकों ने देखा. इरफान को मदारी बनते भी दर्शकों ने खूब पसंद किया. उनकी आखिरी फिल्म अंग्रेज़ी मीडियम थी, जो पिछले साल उनकी मौत से कुछ महीने पहले ही रिलीज हुई थी.

हॉलीवुड में भी इरफान ने बनाई अलग पहचान

इरफान खान का नाम बॉलीवुड के उन गिने-चुने एक्टर्स में शामिल है, जिसने ना सिर्फ बॉलीवुड बल्कि हॉलीवुड Holly woodमें भी डंका बजाया. उन्होंने ‘द नेमसेक, ‘लाइफ ऑफ पाई’, जुरासिक वर्ल्ड, ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’, ‘इन्फर्नो’, ‘द अमेजिंग स्पाइडर मैन’ और ‘ए माइटी हार्ट’ जैसी हिट और लोकप्रिय फिल्मों में अपने हुनर का प्रदर्शन किया है. अपनी अद्भुत कलाकारी के दम पर ही उन्हें साल 2011 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था.

जन्मदिन पर याद आ रहे हैं इराफान खान

पहली बार ऐसा हो रहा है, जब पूरी दुनिया उनके जन्मदिन पर जश्न नहीं मना रही है, क्योंकि वो इस दुनिया को छोड़कर कहीं दूर जा चुके हैं. इस बार इरफान का जन्मदिन फैंस के लिए खुशियां नहीं बल्कि सिर्फ जख्म लेकर आया है. यादों के सहारे ही फैंस सदी के सबसे अलग स्टार को मिस कर रहे हैं.

23 फरवरी 1995 को इरफान खान ने अपनी दोस्त सुतपा सिकदर (Sutupa Sikdar) से शादी चला ली थी. उनके दो बेटे, अयान और बाबिल हैं. उनके परिवार के लिए आज का दिन सबसे कठिन है, क्योंकि इरफान को उनके बेटे और पत्नी टूटकर याद कर रहे हैं.

इरफान की बीमारी ने किया बड़ा धोखा

एक्टर इरफान खान काफी अरसे से बीमार चल रहे थे, जिंदगी और कैंसर की दौड़ में जिंदगी हार गई और एक ऐसे शख्स ने दुनिया को अलविदा कह दिया, जो रील लाइफ में अपने करिश्माई किरदारों से अपने आपको रियल एंटरटेनर साबित करते रहे. उनकी जिंदगी जिस मोड़ पर जाकर खत्म हुई, उससे हर कोई निःशब्द हो गया है. कैंसर नाम की बीमारी ने इरफान के पीठ पर छुरा घोंपा, ऐसा लगा कि सबकुछ ठीक हो गया और अचानक…..

ऐसा लग रहा था कि वो जीत जाएंगे.. जैसे की फिल्मी पर्दे पर हैप्पी एंडिंग होती है, हर कोई इसी आस में बैठा था कि इस बार भी कुछ करिश्मा होगा और वो इस बीमारी को हराकर जीत जाएंगे. बीमारी का इलाज कराकर, वो लौटे थे. तो हर किसी ने अपने भगवान को शुक्रिया अदा करते हुए कहा था कि चलो मेहरबानी है कि अब सब ठीक हो गया है. लेकिन भला किसे मालूम था कि ये आस उनकी सांस बिखरने के साथ टूट जाएगी. इरफान खान चल बसे, जिसने अपने अभिनय के कई रंग दिखाए. वो दुनिया से विदा हो गए, उनके जन्मदिन के मौके पर भी हर कोई उन्हें याद करके अपनी आंखें नम कर ले रहा है.

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