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Budget 2021 में लघु उद्योगों, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ठोस योजना पेश कर सकती है सरकार

सार
अक्टूबर से दिसंबर तक लगातार जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहने से अर्थव्यवस्था में मजबूती के मिल रहे हैं संकेत…
मजबूती बनाए रखने के लिए एमएसएमई, टूरिज्म को विशेष बढ़ावा दिए जाने की जरूरत बता रहे हैं विशेषज्ञ

विस्तार
वित्त मंत्रालय के अनुसार दिसंबर 2020 में कुल जीएसटी कलेक्शन 1,15,174 करोड़ रुपये रहा। पिछले वर्ष इसी महीने की तुलना में यह 12 फीसदी ज्यादा है। इसके पहले नवंबर महीने में जीएसटी कर संग्रह 1.04 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 1.4 फीसदी ज्यादा है। पिछले वर्ष नवंबर में 1.03 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व प्राप्त हुआ था।

अक्टूबर 2020 में भी जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये के पार 1.05 लाख करोड़ रुपये रहा जो नवंबर 2019 की तुलना में लगभग 10 फीसदी अधिक रहा है। सरकार का दावा है कि लगातार तीन महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का जीएसटी राजस्व प्राप्त होना अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है।

अर्थव्यवस्था में यह मजबूती लगातार बनी रहे, इसके लिए आर्थिक विशेषज्ञ एमएसएमई और टूरिज्म सेक्टर को विशेष पैकेज देने की जरूरत बता रहे हैं। यह सेक्टर रोजगार सृजन, मांग में बढ़ोतरी और उत्पादन बनाए रखने के लिए आवश्यक बता रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार सरकार अगले बजट में इस सेक्टर को मजबूती देने के लिए विशेष उपायों की घोषणा कर सकती है।
एक महीने में 6.51 से बढ़कर 9.06 फीसदी हुई बेरोजगारी दर
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के अनुसार नवंबर की तुलना में दिसंबर में शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ी है। नवंबर महीने में देश में बेरोजगारी दर 6.51 फीसदी थी, जो दिसंबर में बढ़कर 9.06 फीसदी हो गई। इसी समयावधि में शहरों में बेरोजगारी दर 7.07 फीसदी से बढ़कर 8.84 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 6.26 प्रतिशत से बढ़कर 9.15 फीसदी हो गई। कृषि में गेहूं की बुवाई, गन्ने की कटाई और आलू की खुदाई का सीजन होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर में वृद्धि चिंताजनक है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
ताइवान की चाओयंग यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलॉजी में कार्यरत आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ डॉ. नागेंद्र कुमार शर्मा ने अमर उजाला को बताया कि लगातार तीन महीने जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहना भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूत वापसी का संकेत है। यह इस बात का भी संकेत है कि बाजार में मांग बनी हुई है और संबंधित सेक्टर इसका निर्माण करने और इसे संबंधित ग्राहकों तक पहुंचाने में सफल रहे हैं। यह निर्माण सेक्टर के साथ-साथ माल ढुलाई ट्रांसपोर्ट के भी पटरी पर लौटने के संकेत हैं। रेलवे ने भी इसी दौरान रिकॉर्ड माल ढुलाई की है।

डॉ. शर्मा के मुताबिक जीएसटी कलेक्शन और बेरोजगारी दर में एक साथ वृद्धि का अर्थ यह है कि कंपनियां अभी अपना पुराना उत्पादन ही क्लीयर कर रही हैं। लेकिन शीघ्र ही यह उत्पादन में बढ़ोतरी में परिवर्तित होगी। अर्थव्यवस्था में लगातार मजबूती बनाए रखने के लिए सरकार को बेरोजगारी के स्तर को सुधारने के लिए ठोस प्रयास करने की जरूरत होगी। इसके लिए एमएसएमई सेक्टर को और ज्यादा तरलता उपलब्ध कराने की आवश्यकता है जो देश में सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करता है। अगर इसके जरिए ज्यादा लोगों के हाथ में पैसा पहुंचता है तो इससे मांग में भी वृद्धि बनेगी। इसके लिए सरकार को ब्याज दरों और टैक्स छूट देने पर विचार करना चाहिए।

टूरिज्म सेक्टर सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले सेक्टर में से है। इसमें मजबूती आने से एक साथ ट्रैवल इंडस्ट्री, होटल उद्योग को मजबूती मिलती है, जो कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अगर सरकार वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर लोगों का भरोसा जगाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगवा पाती है, और देश के अंदर ही पर्यटन को बढ़ावा दे पाती है तो इससे बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बहुत मदद मिलेगी।
क्या कहते हैं व्यापारी संगठन
फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महामंत्री वीके बंसल ने कहा कि अर्थव्यवस्था में मजबूती के लिए सरकार को छोटे-मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने पर विचार करना चाहिए। कोरोना काल में बड़ी कंपनियों को बहुत कम नुकसान हुआ है जबकि यह क्षेत्र लगभग तबाही की स्थिति में पहुंच गया है। अगर सरकार इस सेक्टर को मजबूती दे पाती है तो इससे रोजगार उत्पादन और मांग जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में मजबूती आएगी।

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