Changes From January 1, 2021: नया साल शुरू होने में बस कुछ घंटे ही बाकी हैं. कल यानी 1 जनवरी से आपके घर का कैलेंडर ही नहीं, बल्कि आपकी और हमारी जिंदगी से जुड़ी बहुत सारी चीजें बदलने वाली हैं. हम यहां पर आपको बताने जा रहे हैं ऐसे ही वो 10 बड़े बदलाव जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. ये बदलाव आपके घर, आपकी कार, आपकी जिंदगी और आपके परिवार से जुड़े हैं.
1/10 1 जनवरी से स्मार्टफोन में काम नहीं करेगा WhatsApp!
WhatsApp 1 जनवरी 2021 से कुछ स्मार्टफोन में काम करना बंद कर देगा. इसमें एंड्रॉयड और आईफोन दोनों शामिल हैं. WhatsApp पुराने वर्जन के सॉफ्टवेयर को सपोर्ट नहीं करेगा. रिपोर्ट के मुताबिक iOS 9 और Android 4.0.3 ऑपरेटिंग सिस्टम से भी पुराने वर्जन पर चलने वाले स्मार्टफोन्स पर WhatsApp काम नहीं करेगा. iPhone 4 या इससे पुराने आईफोन से भी WhatsApp का सपोर्ट खत्म किया जा सकता है. हालांकि इससे आगले वर्जन के आईफोन यानी iPhone 4s, iPhone 5s, iPhone 5C, iPhone 6, iPhone 6s में अगर पुराना सॉफ्टवेयर है तो इन्हें अपडेट किया जा सकता है. Android 4.0.3 से भी पुराने वर्जन पर चलने वाले स्मार्टफोन्स पर WhatsApp का सपोर्ट नहीं मिलेगा.
2/10 1 जनवरी से GST रिटर्न के नियम बदल जाएंगे
छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए सरकार सेल्स रिटर्न (Sales returns) मामले में कुछ और कदम उठाने की तैयारी में है. जिसके तहत GST प्रक्रिया को और सरल किया जाएगा. खबर के मुताबिक इस नई प्रकिया में सालाना पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों को अगले साल जनवरी से वर्ष के दौरान सिर्फ 4 सेल्स रिटर्न फाइल करने होंगे. इस समय कारोबारियों को मासिक आधार पर 12 रिटर्न (GSTR 3B) दाखिल करने होते हैं. इसके अलावा 4 GSTR 1 भरना होता है. नया नियम लागू होने के बाद टैक्सपेयर्स को केवल 8 रिटर्न भरने होंगे. इनमें 4 जीएसटीआर 3बी और 4 GSTR 1 रिटर्न भरना होगा.
3/10 1 जनवरी, 2021 से चेक पेमेंट से जुड़े नियम बदल जाएंगे
इसके तहत 50,000 रुपये से अधिक भुगतान वाले चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (सकारात्मक भुगतान व्यवस्था) लागू होगी. पॉजिटिव पे सिस्टम एक ऑटोमैटिक टूल है जो चेक के जरिये धोखाधड़ी करने पर लगाम लगाएगा. इसके तहत, जो व्यक्ति चेक जारी करेगा, उन्हें इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से चेक की तारीख, लाभार्थी का नाम, प्राप्तकर्ता और पेमेंट की रकम के बारे में दोबारा जानकारी देनी होगी. चेक जारी करने वाला व्यक्ति यह जानकरी SMS, मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या एटीएम जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से दे सकता है. इसके बाद चेक पेमेंट से पहले इन जानकारियों को क्रॉस-चेक किया जाएगा. अगर इसमें कोई गड़बड़ी पाई जाएगी चेक से भुगतान नहीं किया जाएगा
4/10 1 जनवरी से UPI पेमेंट पर देना होगा अतिरिक्त चार्ज!
1 जनवरी से अमेजन पे, गूगल पे और फोन पे से से लेन देन करने पर अतिरिक्त चार्ज देना पड़ सकता है. दरअसल NPCI ने 1 जनवरी से थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स की ओर से चलाई जाने वाली यूपीआई पेमेंट सर्विस (UPI Payment) पर अतिरिक्त चार्ज लगाने का निर्णय लिया है. NPCI ने नये साल पर थर्ड पार्टी ऐप के ऊपर 30 फीसदी का कैप लगा दिया है.हालांकि यह चार्ज पेटीएम को नहीं देना पडे़गा.
5/10 गाड़ियों पर 1 जनवरी से फास्टैग लगवाना अनिवार्य
गाड़ियों पर 1 जनवरी 2021 से टोल पार करने के लिए फास्टैग जरूरी होगा. बिना फास्टैग के नेशनल हाईवे टोल पार करने वाले चालकों को दोगुना चार्ज देना होगा. फिलहाल सभी टोल प्लाजा पर 80 परसेंट लाइनों को फास्टैग और 20 परसेंट लाइनों को कैश में इस्तेमाल किया जा रहा है. 1 जनवरी से सभी लाइनें फास्टैग हो जाएंगी. अपने फास्टैग अकाउंट में कम से कम 150 रुपये की राशि रखनी जरूरी होगी, नहीं तो फास्टैग को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा.
6/10 म्यूचुअल फंड निवेश के लिए बदल जाएंगे नियम
निवेशकों के हितों को देखते हुए मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्यूचुअल फंड के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं, जिससे इनमें रिस्क को कम किया जा सके. SEBI ने मल्टीकैप म्यूचुअल फंड के लिए असेट अलोकेशन के नियमों में बदलाव किया है. नए नियमों के मुताबिक अब फंड्स का 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश करना जरूरी होगा, जो कि अभी न्यूनतम 65 फीसदी है. SEBI के नए नियमों के मुताबिक मल्टी कैप फंड्स के स्ट्रक्चर में बदलाव होगा. फंडों को मिडकैप और स्मॉलकैप में 25-25 फीसदी निवेश करना जरूरी होगा. वहीं, 25 फीसदी लार्ज कैप में लगाना होगा. पहले फंड मैनेजर्स अपनी मनमर्जी के हिसाब से आवंटन करते थे. अभी मल्टीकैप में लार्जकैप का वेटेज ज्यादा रहता है. 1 जनवरी 2021 से ये नया नियम लागू होगा.
7/10 1 जनवरी से फटाफट मिलेगा बिजली कनेक्शन
सरकार बिजली उपभोक्ताओं को नए साल का तोहफा दे सकती है. बिजली मंत्रालय एक जनवरी से उपभोक्ता के अधिकार के नियमों को लागू करने की तैयारी कर रहा है. इसके बाद बिजली वितरण कंपनियों को तय अवधि के अंदर उपभोक्ताओं को सेवाएं उपलब्ध करानी होंगी, ऐसा करने में अगर वो नाकाम रहती हैं तो उनसे उपभोक्ता जुर्माना वसूल सकता है. नियमों के मसौदे को कानून मंत्रालय को भेजा गया है. मंजूरी मिलने के बाद नया कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ताओं को ज्यादा कागजी कार्यवाही की जरूरत नहीं होगी. कंपनियों को शहरी क्षेत्र में सात दिन, नगर पालिका क्षेत्र में 15 और ग्रामीण क्षेत्रों में एक महीने के अंदर बिजली कनेक्शन देना होगा
8/10 कम प्रीमियम में 1 जनवरी से खरीद सकेंगे टर्म प्लान
1 जनवरी से आप कम प्रीमियम में सरल जीवन बीमा (स्टैंडर्ड टर्म प्लान) पॉलिसी खरीद सकेंगे. IRDAI ने बीमा कंपनियों को आरोग्य संजीवनी नामक स्टैंडर्ड रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान पेश करने के बाद एक स्टैंडर्ड टर्म लाइफ इंश्योरेंस पेश करने का निर्देश दिया है. उसी निर्देश को पालन करते हुए बीमा कंपनियां 1 जनवरी से सरल जीवन बीमा पॉलिसी लॉन्च करने जा रही हैं. नए बीमा प्लान में कम प्रीमियम में टर्म प्लान खरीदने का विकल्प मिलेगा. साथ ही सभी बीमा कंपनियों की पॉलिसी में शर्तों और कवर की राशि एक समान होगी. सरल जीवन बीमा 18 से 65 वर्ष के लोग खरीद सकेंगे और पॉलिसी 5 लाख से 25 लाख रुपये तक (50 हजार के गुणक में) की रहेगी.
9/10 लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने से पहले जीरो लगाना होगा
देशभर में लैंडलाइन से मोबाइल फोन पर कॉल करने के लिए अब एक जनवरी से नंबर से पहले शून्य लगाना जरूरी होगा. TRAI ने इस तरह के कॉल के लिए 29 मई 2020 को नंबर से पहले ‘शून्य’(0) लगाने की सिफारिश की थी. टेलीकॉम कंपनियों को और ज्यादा नंबर बनाने में मदद मिलेगी. डायल करने के तरीके में इस बदलाव से दूरसंचार कंपनियों को मोबाइल सेवाओं के लिए 254.4 करोड़ अतिरिक्त नंबर तैयार करने की सुविधा मिलेगी. यह भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी.
10/10 1 जनवरी से महंगी हो जाएंगी कारें
कार खरीदने का मन बना रहे है तो जल्दी खरीद लीजिए. नए साल में कार खरीदना काफी महंगा हो जाएगा, क्योंकि कंपनियां जनवरी से कारों की कीमत में इजाफा कर रही हैं. मारुति सुजुकी, फॉर्ड इंडिया और किआ मोटर्स 1 जनवरी 2021 से गाड़ियों की कीमत बढ़ाने वाली हैं. मारुति ने ऐलान कर दिया है, जनवरी से मारुति की गाड़ियां महंगी हो जाएंगी. फोर्ड इंडिया ने भी जनवरी से अपनी सभी गाड़ियों के दाम बढ़ाने का ऐलान किया है. कंपनी का कहना है कि कई तरह के कच्चे माल की कीमत बढ़ जाने की वजह से उसकी लागत पर दबाव पड़ा है, इसलिए रेट बढ़ाने को मजबूर होना पड़ रहा है.