इस कदम का मकसद एक्सीडेंट होने की स्थिति में पैसेंजर सेफ्टी को बेहतर बनाना है.
सरकार ने गाड़ी में फ्रंट सीट के पैसेंजर के लिए एयरबैग अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव रखा है. इस कदम का मकसद एक्सीडेंट होने की स्थिति में पैसेंजर सेफ्टी को बेहतर बनाना है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने मंगलवार को इस बारे में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया. मंत्रालय ने बयान में कहा कि यात्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय करते हुए, मंत्रालय ने वाहन चालक की बगल वाली फ्रंट सीट पर बैठने वाले यात्री की सुरक्षा के लिए एक एयरबैग अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया है.
इस उपाय को लागू करने के लिए प्रस्तावित समय सीमाएं नए वाहनों के लिए 1 अप्रैल 2021 और मौजूदा मॉडल्स के लिए 01 जून 2021 हैं. इस आशय से एक ड्राफ्ट मंत्रालय की वेबसाइट पर 28 दिसंबर को प्रकाशित किया जा चुका है. बयान में आगे कहा गया कि सभी हितधारकों से सुझाव/टिप्पणियां अधिसूचना जारी होने की तारीख से 30 दिन के अंदर [email protected] ई-मेल एड्रेस पर आमंत्रित की जाती हैं.
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बढ़ जाएंगी वाहनों की कीमतें
सरकार के इस प्रस्ताव पर फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) का कहना है कि इससे गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी. व्हीकल मैन्युफैक्चरर्स को बढ़ोत्तरी का बड़ा हिस्सा खुद वहन करना चाहिए ताकि बिक्री प्रभावित न हो. FADA के प्रेसिडेंट विंकेश गुलाटी ने कहा कि गाड़ी में ड्युअल फ्रंट एयरबैग्स को अनिवार्य किए जाने का सरकार का प्रस्ताव सराहनीय है. यह एक बेहद जरूरी सेफ्टी नॉर्म है, जिसे भारत को अपनाना चाहिए और ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अनुरूप बनना चाहिए.