प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) की मौजूदगी में आज (सोमवार) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश की 100वीं किसान रेल (Kisan Rail) को हरी झंडी दिखाएंगे.
नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज (सोमवार) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश की 100वीं किसान रेल (Kisan Rail) को हरी झंडी दिखाएंगे. रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) की मौजूदगी में शाम 4.30 बजे पीएम मोदी ट्रेन का शुभारंभ करेंगे. यह ट्रेन महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक चलेगी.
ट्रेन के जरिए सब्जियों और फल की होगी ढुलाई
मल्टी कमोडिटी किसान रेल (Kisan Rail) के जरिए फूलगोभी, शिमला मिर्च, पत्तागोभी, मिर्च, प्याज के साथ-साथ अंगूर, संतरा, अनार, केला, सेब आदि की ढुलाई होगी. इस ट्रेन से सभी स्टॉपेज पर खराब होने वाले सामानों को लोड करने और उतारने की अनुमति होगी. इसके अलावा खेप के आकार को लेकर भी कोई बंदिश नहीं होगी.
अगस्त में शुरू हुई थी पहली ट्रेन
भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने पहले किसान ट्रेन की शुरुआत इस साल अगस्त में महाराष्ट्र (Maharashtra) के देवली से बिहार (Bihar) के दानापुर (Danapur) के बीच की थी. बाद में इस ट्रेन को मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) तक बढ़ा दिया गया.
9 रूटों पर चल रही है किसान रेल
भारतीय रेलवे द्वारा फिलहाल 9 रूटों पर किसान रेल (Kisan Rail) का संचालन किया जा रहा है और अब तक किसान रेल से 27000 टन कृषि उत्पादों का ट्रांसपोर्टेशन किया जा चुका है. केंद्र सरकार ने फल और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी बढ़ा दी है. बता दें कि सरकार ने इस साल के बजट में किसान रेल (Kisan Rail) चलाने की घोषणा की थी.
एक महीने से चल रहा है किसानों का प्रदर्शन
बता दें कि कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) पिछले एक महीने से जारी है और किसान लगातार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस बीच किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है. आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बैठक होगी. इस बीच किसान संगठनों ने मांग रखी है कि बैठक में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा देने पर बात की जाए.