पिछले साल 24 अगस्त 2019 तक 3.92 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल किया था जबकि 24 दिसंबर 2020 तक 3.97 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल किया है.
एसेसमेंट इयर 2020-21 (वित्त वर्ष 2019-20) के लिए 24 दिसंबर तक 3.97 करोड़ टैक्सपेयर्स ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल कर दिया है.
एसेसमेंट इयर 2020-21 (वित्त वर्ष 2019-20) के लिए 24 दिसंबर तक 3.97 करोड़ टैक्सपेयर्स ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल कर दिया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी. डिपार्टमेंट ने ट्वीट किया है कि 24 दिसंबर तक 3.97 करोड़ से अधिक लोगों ने अपना आईटीआर फाइल कर दिया है. आपने अपना फाइल कर दिया है? अगर नहीं तो कृपया आज ही करें. अपना आईटीआर फाइल करें और आराम करें. पिछले साल डेडलाइन 31 अगस्त 2019 से एक हफ्ते पहले 24 अगस्त 2019 तक 3.92 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल किया था.
3.97 करोड़ लोगों में 2.27 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आईटीआर-1 फॉर्म फाइल किया है. 85.20 लाख टैक्सपेयर्स ने आईटीआर-4 फॉर्म और 28.74 लाख लोगों ने आईटीआर-2 फॉर्म फाइल किया है. इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स के लिए वित्त वर्ष 2019-20 का आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन 31 दिसंबर 2020 है. हालांकि जिनके खातों की अभी ऑडिट होनी बाकी है, उनके लिए यह डेडलाइन 31 जनवरी 2021 है. कोरोना महामारी के चलते ड्यू डेट को इस बार बढ़ाया गया था.
पिछले साल डेडलाइन से 7 दिन पहले 3.92 करोड़ आईटीआर
पिछले साल की बात करें तो वित्त वर्ष 2018-19 (एसेसमेंट इयर 2019-20) के लिए बिना किसी लेट फीस के 5.65 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल किया था. पिछले साल भी डेडलाइन बढ़ाकर 31अगस्त 2019 किया गया था. तुलनात्मक विश्लेषण के लिए आईटी विभाग ने जो डेटा पेश किया है, उसके मुताबिक 24 अगस्त 2019 तक 3.92 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल किया था जबकि 24 दिसंबर 2020 तक 3.97 करोड़ टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल किया है.
इनकम के आधार पर आईटीआर फॉर्म का चयन
आईटीआर-1 सहज रिटर्न किसी भी रेजिडेंट इंडिविजुअल के जरिए फाइल किया जा सकता है जिनकी टोटल इनकम 50 लाख से कम होती है. आईटीआर-4 सुगम उन रेजिडेंट इंडिवुजअल्स, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) और कंपनियों को फाइल करना होता है, जिनकी टोटल इनकम 50 लाख से अधिक हो और उनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से हो. आईटीआर-3 और 6 कारोबारी और आईटीआर-2 आवासीय संपत्ति से होने वाली आय के मामले में फाइल किया जाता है. आईटीआर-5 को एलएलपी और एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स (AoPs) के जरिए फाइल किया जाता है. आईटीआर-7 ट्रस्ट या चैरिटेबेल जैसी अन्य लीगल ऑब्लिगेशन के तहत आने वाली संपत्ति से होने वाली आय के मामले में फाइल किया जाता है.