कोरोना के संक्रमण (Coronavirus) से बचाव के लिए दुनिया के कई देशों में कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने की शुरुआत हो चुकी है. इस वैक्सीन को लेकर लोगों में कई तरह के सवाल हैं. आज हम आपको यह बताएंगे कि बच्चों, गर्भवती (Pregnant Women) या स्तनपान कराने वाली महिलाओं (Nursing Women) के लिए यह वैक्सीन (Vaccine) कितनी सुरक्षित है?
नई दिल्ली. अमेरिका, ब्रिटेन और दुबई में कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के लिए लोगों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) दी जा रही है. भारत में भी अगले महीने से कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के टीके लगने शुरू हो जाएंगे. इसके लिए भारत सरकार (Indian Government) ने लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं.
हालांकि इन सबके बीच कुछ सवाल उठते हैं, जैसे कोरोना वैक्सीन बच्चों, गर्भवती (Pregnant Women) या स्तनपान कराने वाली महिलाओं (Nursing Women) के लिए कितनी सुरक्षित है?
वैक्सीन के ट्रायल में चूक
फाइजर और बायोन्टेक (Pfizer and Biontech) की बनी वैक्सीन दुबई (Dubai) में लोगों को लगाई जा रही है. कंपनी ने माना है कि वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल (Clinical Trial) में गर्भवती (Pregnant) और स्तनपान कराने वाली महिलाओं (Nursing Women) को शामिल नहीं किया गया था. इसलिए फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता है कि यह वैक्सीन गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर कैसा असर करेगी.
वहीं अमेरिका ने वैक्सीन लगवाने का फैसला गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर ही छोड़ दिया है.
अमेरिका और ब्रिटेन की महिलाओं को सलाह
वहीं, अमेरिका के वैक्सीन नियामक की एक रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्तनपान कराने वाली महिला को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने से बचना चाहिए. इन महिलाओं को स्तनपान बंद कराने के बाद इस बारे में विचार करना चाहिए. इस रिपोर्ट में गर्भवती महिलाओं को भी वैक्सीन को लेकर सचेत रहने की सलाह दी गई है.
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस का कहना है कि फाइजर (Pfizer) की वैक्सीन किसी भी गर्भवती महिला को नहीं दी जाएगी, जब तक कि इसके बारे में और जानकारी सामने नहीं आ जाती है.
बच्चों को कोरोना का खतरा कम
भारत में कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के ट्रायल में बच्चों को शामिल नहीं किया गया था. इससे यह वैक्सीन बच्चों पर क्या असर डालेगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है. हालांकि ऐसा देखा गया है कि कोरोना 14 साल से कम उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में कम ही लेता है. अमेरिका में भी 16 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा रही है.