भारत में कोरोनावायरस की वैक्सीन जल्दी ही लॉन्च होने की उम्मीद है। ऐसे में सरकार ने अपनी तरफ से सारे इंतजाम शुरू कर दिए हैं। इनमें जरूरी मेडिकल सप्लाई जुटाने से लेकर उनकी डिलीवरी तक शामिल हैं। माना जा रहा है कि भारत की एक बड़ी आबादी को वैक्सीन देने के लिए बड़ी मात्रा में इंजेक्शन और सीरिंज की जरूरत पड़ेगी। हालांकि, इसकी तैयारी पूरी करते हुए सरकार ने दो कंपनियों- हिंदुस्तान सीरिंजेज़ एंड मेडिकल डिवाइसेज (HMD) और इस्कॉन सर्जिकल्स को 23 करोड़ सीरिंज के ऑर्डर दिए हैं।
बताया गया है कि इन दोनों कंपनियों ने अब तक 9 करोड़ सीरिंज का उत्पादन कर लिया है। मार्च 2021 तक 23 करोड़ सीरिंज का ऑर्डर भी पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालयय ने जोधपुर आधारित इस्कॉन सर्जिकल्स और फरीदाबाद की HMD को गुरुवार को ही 7 करोड़ सीरिंग डिस्पैच करने के निर्देश दे दिए। इसके बाद यह सीरिंज जल्द ही सरकारी गोदामों में पहुंच जाएंगी। HMD के प्रबंध निदेशक के मुताबिक, उनकी कंपनी को 17 करोड़ सीरिंज बनाने का आदेश मिला है। इनमें से 7 करोड़ का उत्पादन हो चुका है। अब सरकार के आदेश के बाद 115 ट्रकों में भरकर इन्हें गोदामों तक पहुंचाया जाएगा।
दूसरी तरफ इस्कॉन के वाइस प्रेसिडेंट संदीप भंडारी ने बताया कि उनकी कंपनी भी 2 करोड़ सीरिंज का उत्पादन कर चुकी है। उन्हें 5.2 करोड़ सीरिंज के लिए ऑर्ड मिले हैं। हालांकि, अभी उन्हें डिस्पैच का ऑर्डर नहीं मिला है। भंडारी ने कहा कि उन्हें अभी 10 करोड़ सीरिंज के ऑर्ड और मिलने की उम्मीद है।
कोरोना वैक्सीन की दो डोज होंगी ज्यादा असरदार, ज्यादा सीरिंज की होगी जरूरत: आम लोगों को कोरोनावायरस की एक डोज देनी है या दो डोज, इस पर दुनियाभर की नियामक एजेंसियां जल्द ही फैसला कर सकती हैं। दरअसल, वैक्सीन की दो डोजों को सबसे असरदार माना जा रहा है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन को दो डोज में ही रखा जा सकता है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन का जो डेटा रिलीज किया है, उसके मुताबिक, वैक्सीन की एक डोज से लोगों में प्रतिरोधक क्षमता 67 फीसदी तक ही विकसित होती है, जबकि 30 दिन के अंतराल पर दी गई दो डोजों में वैक्सीन की क्षमता 97 फीसदी तक पहुंच जाती है।