फोटो 7 दिसंबर की है। जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन (JVPC) ने गन का टेस्ट किया था। गन को मानकों को तहत खरा पाया गया।
रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (DRDO) की डिजाइन की गई सब-मशीन गन रक्षा मंत्रालय के ट्रायल में गुरुवार को पास हो गई। लिहाजा गन के सेना, पुलिस और आर्म्ड फोर्सेज में शामिल किए जाने का रास्ता साफ हो चुका है। 5.56×30 mm की यह गन सेमी ऑटोमेटिक है और गैस से चलेगी। यह एक मिनट में 700 राउंड फायर करेगी।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ‘यूजर ट्रायल का अंतिम चरण सोमवार को खत्म हो गया था। टेस्टिंग के लिए सेना ने जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट (GSQR) बनाया था। इसमें गन का परीक्षण गर्मी और ठंड वाले इलाकों में किया गया।’
क्या है रेंज?
सब-मशीन गन से 100 मीटर से ज्यादा निशाना लगाया जा सकेगा। गन का वजन 3 किलो है। इसकी मुख्य खूबियों में पीछे की तरफ कम झटका देना, बट का एडजस्टेबल होना है। गन को एक हाथ से भी चलाया जा सकता है। गन को गृह मंत्रालय पहले ही हरी झंडी दे चुका है। अब इसे सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज और अन्य पुलिस संगठनों को दिया जाएगा।