FINANCE

भूल कर भी ना करें ये गलती, नहीं तो आपके पेरेंट्स को आएगा इनकम टैक्‍स नोटिस

कोविड-19 से बने हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने का समय 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा (Deadline) दिया है. अपना और अपने पेरेंट्स का आईटीआर फाइल करते समय कुछ बातों का खास ध्‍यान रखें वरना आपकी गलती का खामियाजा आपके माता-पिता को भुगतना पड़ सकता है.

नई दिल्‍ली. कोरोना संकट के मद्देनजर इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने का समय 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है. दूसरे शब्‍दों में कहें तो टैक्‍सपेयर्स के पास अभी भी टैक्‍स सेविंग (Tax Saving) का मौका है. हालांकि, टैक्‍स बचाने के चक्‍कर में की गई एक छोटी सी गलती का खामियाजा आपके पेरेंट्स को भुगतना पड़ सकता है. इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट (IT Department) आपकी गलती पर आपके पेरेंट्स को इनकम टैक्‍स नोटिस (IT Notice) भेज सकता है. इससे बचने के लिए अपने पेरेंट्स का इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. आइए समझते हैं कि आपको किस गलती से बचना है.\

नौकरीपेशा टैक्‍सपेयर को एचआरए पर मिलती है टैक्‍स छूट
इनकम टैक्‍स एक्‍ट (IT Act) के सेक्‍शन-10 (13A) के तहत कुछ सीमाओं के तहत एचआरए पर टैक्स छूट (Tax Exemption) ली जा सकती है. एचआरए के तहत मिलने वाली रकम पर टैक्स छूट का दावा वही नौकरीपेशा व्यक्ति कर सकता है, जिसकी सैलरी में हाउस रेंट अलाउंस शामिल हो और वह किराये के मकान में रहता हो. वेतनभोगी करदाता को हर साल कंपनी की ओर से बताए गए समय के भीतर रेंट रिसीट देनी होती है. अगर आप कंपनी को अभी तक किराये की रसीद (Rent Receipt) नहीं दे पाए हैं तो आप इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करते समय अपनी टैक्‍स लायबिलिटी (Tax Liability) कम कर सकते हैं. दरअसल, कोई भी नौकरीपेशा व्‍यक्ति अपनी सैलरी में शामिल हाउस रेंट अलाउंस (HRA) की मदद से टैक्‍स छूट का फायदा ले सकता है.

टैक्‍स बचाने के लिए अपने माता-पिता के घर में रहने वाले नौकरीपेशा भी किराये की रसीद लगाकर एचआरए में टैक्‍स छूट का फायदा ले लेते हैं. आयकर कानून के तहत अगर कोई नौकरीपेशा टैक्‍सपेयर अपने माता-पिता के घर (Parents’ House) में रहता है तो किराये के भुगतान (Rent Payment) के लिए एचआरए पर टैक्स छूट का फायदा ले सकता है. यहां ध्‍यान देना है कि आपके माता-पिता को यह इनकम अपने टैक्स रिटर्न्स में दिखानी ही होगी. अगर उन्‍होंने आपसे मिले हुए किराये से हुई आमदनी को अपने आईटीआर में नहीं दिखाया तो उनको इनकम टैक्स नोटिस (Income Tax Notice) मिलना तय है. साथ ही ध्‍यान रहे कि टैक्‍सपेयर अगर नौकरीपेशा नहीं है तो एचआरए से टैक्स छूट लाभ का दावा नहीं कर सकता है.

इस गलती से अटक सकता है आपका इनकम टैक्‍स रिफंड
आईटीआर में रेंट रिसीट के जरिये टैक्‍स लायबिलिटी घटाने पर आईटीआर प्रोसेसिंग (ITR Processing) के बाद टैक्स रिफंड (Tax Refund) आने में करीब एक महीने का समय लगता है. सामान्य तौर पर बेंगलुरु के सेंट्रलाइज प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) से आईटीआर प्रोसेसिंग को पूरा होने में 2 से 3 महीने का समय लग जाता है. बता दें कि आयकर विभाग (Income Tax Department) की ओर से भेजे ई-मेल में करदाताओं से उनकी बकाया मांग, उनके बैंक खाते (BANK Account) और रिफंड में किसी तरह के अंतर के बारे में जानकारी मांगी जाती है. इसकी जानकारी सही समय पर नहीं देने पर आपका रिफंड अटक सकता है.

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