वर्कप्लेस सॉफ्टवेयर डेवलपर एटलसियन द्वारा 65 देशों में एक सर्वे किया गया था.
कोरोना महामारी के दौरान भारतीयों ने अप्रैल और मई में काम पर 32 मिनट अधिक खर्च किए.
कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में लोगों पर इसका भारी असर पड़ा है. ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को ‘वर्क फ्रॉम की सुविधा’ दे रही है ताकि कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा ना रह सके. इसी बीच पता चला है कि कोरोना महामारी के दौरान भारतीयों के लिए घर से काम करने का दिन अधिक लंबा हो गया है. एक अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है.
वर्कप्लेस सॉफ्टवेयर डेवलपर एटलसियन द्वारा 65 देशों में एक सर्वे किया गया. इस सर्वे में पाया गया कि दुनियाभर में लोग पहले अपने समय से काम शुरू करते थे और बाद में जाकर ख़त्म करते थे. कोरोना महामारी के दौरान भारतीयों ने अप्रैल और मई में काम पर 32 मिनट अधिक खर्च किए जबकि इजरायल ने अपने औसत कार्य दिवस में 47 मिनट जोड़े हैं. साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई और अमेरिकी भी इस लिस्ट में शामिल थे.
‘वर्क फ्रॉम होम’ के दौरान आ रही समस्या
‘वर्क फ्रॉम होम’ के दौरान आ रही समस्या पर भी लोगों ने बात की है. लोगों का मानना है कि वर्क फ्रॉम के दौरान आप कहीं बाहर नहीं जा सकते. पहले इस सुविधा का इस्तेमाल किसी ख़ास अवसर पर किया जाता था लेकिन अब ये डेली रूटीन में शामिल हो गया है. हैदराबाद की आईटी कंपनी के एक कर्मचारी ने इस बारे में बताया, “वर्क फ्रॉम होम के दौरान आपको हर समय ऑनलाइन रहने की ज़रुरत है. आपको मीटिंग के लिए दिन के किसी भी समय बुलाया जा सकता है. जबकि पहले ऐसा नहीं था. ऑफिस के समय ही काम करना होता था. अब चीजें पहले की तरह आसान नहीं रहीं.”