Delhi Chalo: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल गई है. किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है. लेकिन किसानों का एक गुट इस बात पर अड़ गया है कि सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बॉर्डर पर आकर बात करें.
बुराड़ी के निरंकारी मैदान पर धीरे-धीरे कुछ संगठन मैदान में इकट्ठा हो भी रहे हैं. वहीं कुछ महिलाओं ने आदिवासी नृत्य कर अपना विरोध जताया. महराष्ट्र से नर्मदा बचाओ आंदोलन के बैनर तले आई लतिका राजपूत एक एक्टिविस्ट है उन्होंने बताया, “महाराष्ट्र में इस नृत्य को किया जाता है. ये नृत्य खुशी के मौके पर किया जाता है. हमें यूपी बॉर्डर पर रोक रखा हुआ था. कल फैसला हुआ कि हम दिल्ली जा रहे हैं, वो हमारे लिए खुशी का मौका था.”
देश में रबी फसलों की बुवाई जोरों पर चल रही है और पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक रबी फसलों का रकबा चार फीसदी बढ़ गया है. खास बात यह है कि इस बार गेहूं के मुकाबले दलहन व तिलहन फसलों की खेती में किसानों की दिलचस्पी ज्यादा दिखी है, हालांकि गेहूं बुवाई भी पिछले साल से ज्यादा हो चुकी है.
सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर पंजाब के किसानों की मीटिंग जारी है. मीटिंग में ये तय किया जा रहा है कि किसान यहीं बॉर्डर से विरोध प्रदर्शन करेंगे या दिल्ली के निरंकारी ग्राउंड में जाकर प्रदर्शन करेंगे.
बुराड़ी के निरंकारी मैदान में पुलिस और सीआईएसएफ का पहरा तैनात किया गया है. जानकारी के अनुसार सीआईएसएफ को साफ निर्देश दिए गए हैं कि मैदान में कई सारे संगठन आए हुए हैं. ध्यान रखना है कि आपस मे लड़ाई न हो, किसानों के बीच घूमते रहें. किसानों का अगर कोई अचानक प्लान बनता है तो उस पर भी नजर बनाए रखने के लिए कहा है. गाड़ियों की संघन चेकिंग होगी, किसी व्यक्ति के पास किसी तरह का एक्सप्लोसिव न हो, इस पर भी नजर बनाए रखी जाएगी.
दिल्ली के निरंकारी मैदान पर किसानों के लिए टेंट, शेल्टर, चलते-फिरते टॉइलट उपलब्ध कराए जा रहे हैं और व्यवस्था करने की कोशिश जारी है. लेकिन सड़कों और मैदानों में आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायकों के पोस्टर लग चुके हैं. जिसमें लिखा गया है कि, “देश के अन्नदाता किसानों का दिल्ली में हार्दिक स्वागत है.”
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर अपना डेरा बनाया हुआ है. जो किसान दिल्ली में घुस गए थे और रामलीला मैदान पहुंचने की कोशिश कर रहे थे उन्हें पुलिस ने हिरासत में लेकर बुराड़ी के निरंकारी मैदान में लाकर छोड़ दिया. पंजाब से दिल्ली अपना विरोध जताने आई सुनीता रानी और उनके साथी दिल्ली के राम लीला मैदान की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन उनके मुताबिक पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर बुराड़ी के निरंकारी मैदान छोड़ दिया.
क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने बताया कि वे बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं क्योंकि उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया था. उन्होंने आगे कहा कि इस प्रदर्शन का लक्ष्य दिल्ली पहुंचना और केंद्र सरकार पर इन तीन कृषि कानूनों को लेकर दबाव बनाना है. बुराड़ी के मैदान में पंजाब, हरियाणा और अन्य स्थानों से आए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी भर सकते हैं.
किसानों को भले ही पुलिस ने दिल्ली में जाने की अनुमति दे दी हो लेकिन कुछ किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान में जाने से इनकार कर रहे हैं. किसानों से कहा गया है कि वे केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ संबंधित मैदान में प्रदर्शन जारी रख सकते हैं. वहीं कुछ किसानों का कहना है कि वे हरियाणा में फंसे किसानों का इंतजार कर रहे हैं. कई किसानों का कहना है कि वे या तो रामलीला मैदान जाना चाहते हैं या प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर जाना चाहते हैं.
किसानों का एक गुट इस बात पर अड़ गया है कि सरकार का कोई नुमाइंदा उनसे बॉर्डर पर आकर बात करें. हालांकि कुछ किसान बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में पहुंच भी चुके हैं बाकि बॉर्डर पर ही अड़े हुए हैं.
‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च में भाग लेने वाले किसान देर रात बरारी के निरंकारी समागम ग्राउंड में आकर बस गए, जहां उन्हें कृषि कानून के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है. दिल्ली सरकार द्वारा ग्राउंड में किसानों के लिए व्यवस्था भी की गई है.
पंजाब के किसान नेताओं ने बताया कि वे शनिवार यानी आज सुबह बैठक कर आगे के कदमों के बारे में चर्चा करेंगे. हालांकि ये किसान नेता केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं.
क्रिकेटर हरभजन सिंह ने किसानों के समर्थन में ट्वीट करते हुए कहा, “बिना पुलिस भिड़ंत के क्या हम उनकी बात नहीं सुन सकते.
हरियाणा: ‘दिल्ली चलो’ अभियान पर निकले पंजाब के किसानों ने सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर डेरा डाला. वे आगे की योजना बनाने में जुट गए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम अपने साथ 6 महीने का राशन लेकर चले हैं. हम तभी वापस जाएंगे जब ये काले कृषि कानून वापस हो जाएंगे.
बीजेपी नेता दुष्यंत गौतम ने कहा, “केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें (प्रदर्शन कर रहे किसान) 3 दिसंबर को बुलाया है, पहले भी बुलाया था। परन्तु कांग्रेस राजनीति करना चाहती है, किसानों के कंधे पर आगे बढ़ना चाहती है, कांग्रेस की ये दोहरी नीति है, ये कभी भी चलने वाली नहीं है
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि हमने किसान संगठनों से एक अन्य दौर की बातचीत के लिए उन्हें 3 दिसंबर को आमंत्रित किया है. इसके साथ ही, नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी और ठंड के चलते किसान प्रदर्शन छोड़ दें. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ मुद्दों पर हमेशा चर्चा के लिए तैयार है.
दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे के सिंधु बॉर्डर पर कुछ किसान सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने पर डटे हुए हैं. ये किसान इजाजत मिलने के बाद भी दिल्ली आने से इनकार कर रहे हैं.
किसानों को दिल्ली में एंट्री की इजाज़त मिलने के बाद हरियाणा और पंजाब के बीच अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेड्स हटा लिए हैं. अंबाला के एसपी राजेश कालिया ने कहा, “किसी को नहीं रोका जाएगा. लोग आसानी से यात्रा कर सकते हैं.”
किसान आंदोलन के चलते गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर भारी ट्रैफिक जाम. गुरुग्राम और दिल्ली पुलिस द्वारा चेकिंग की जा रही है, जिससे ट्रैफिक मूवमेंट धीमी हो गई है.
किसान आंदोलन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट किया, “PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है. सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती. मोदी सरकार को किसानों की मांगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे. ये तो बस शुरुआत है.”
प्रदर्शनकारी किसानों को राजधानी दिल्ली आने की इजाजत दे दी गई है. दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा, प्रदर्शनकारियों को बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में विरोध करने की अनुमति है. दिल्ली पुलिस के जवान उनके साथ रहेंगे.
केंद्र के किसान कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में एंट्री की इज़ाजत मिल गई है. टिकरी बॉर्डर के ज़रिए हज़ारों किसान दिल्ली में दाखिल हो रहे हैं. पुलिस ने इन्हें बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करने की इजाज़त दी है.
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े गए. कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान दिल्ली आ रहे हैं.
किसानों के प्रदर्शन की वजह से मेरठ के रास्ते पर भी कई किमी लंबा जाम लग गया है. इस जाम में एक एंबुलेंस फंस गई थी. इसमें एक बच्चा गंभीर रूप से बीमार था. बाद में कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस और आम लोगों ने मिलकर एंबुलेंस को जाम से बाहर निकाला गया.
किसानों के दिल्ली कूच के चलते हरियाणा के भिवानी में 20 किमी लंबा जाम लग गया है. हरियाणा से दिल्ली को जोड़ने वाले रास्तों को पुलिस द्वारा बंद कर दिए जाने से भी शहर में अहम रास्तों पर जाम लग गया है. दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि इस प्रदर्शन के चलते ढांसा और झाड़ौदा कलां सीमाएं यातायात के लिए बंद कर दी गयीं और यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग लेने को कहा गया है.
1:32 PM IST | 27 NOV 2020
हरियाणा के सिरसा में डबवाली पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क पर लगे पुलिस बैरिकेड को नुकसान पहुंचाया और उन्हें रास्ते से हटा दिया.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि दिल्ली की सीमाओं पर तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने के लिए किसान यूनियनों से तुरंत बातचीत शुरू की जाए.
कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की ओर कूच रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा बल वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं.
12:51 PM IST | 27 NOV 2020
नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ मथुरा में प्रदर्शन कर रहे कुछ किसान प्रदर्शनकारियों को सड़क पर जाम लगाने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया.
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश सिंह टिकैत ने कहा है कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से सरकार बातचीत करें और विवादित कानून को वापस ले. उन्होंने कहा कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे और यह सुनिश्चित करे कि जिस फसल की जो न्यूनतम दर सरकार ने तय की है, उससे कम रेट पर कोई भी व्यापारी या मिल मालिक अनाज नहीं खरीदेगा. अगर उससे कम रेट पर किसानों से खरीदारी की जाती है तो क्रेता के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी सरकार से शहर के 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी. लेकिन सरकार ने ये अनुमति देने से मना कर दिया है.
आंदोलनकारी किसानों से अपील करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर परेशानी होने पर वे राजनीति छोड़ देंगे.” उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को ‘किसानों को उकसाने’ के लिए भी दोषी ठहराया.
पुलिस के अनुमान के अनुसार, पंजाब और हरियाणा के करीब 3 लाख किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. ये किसान 33 संगठनों से जुड़े हैं और संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा हैं, जो 470 से अधिक किसान यूनियनों का अखिल भारतीय निकाय है. यह सभी राष्ट्रीय राजधानी में अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों को बातचीत के आमंत्रित किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “नए कानून बनाना समय की आवश्यकता थी, आने वाले कल में ये नए कृषि कानून, किसानों के जीवन स्तर में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं. नए कृषि कानूनों के प्रति भ्रम को दूर करने के लिए मैं सभी किसान भाइयों और बहनों को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं.”
11:06 AM IST | 27 NOV 2020
दिल्ली-बहादुरगढ़ हाईवे के पास टिकरी बॉर्डर पर इस समय काफी तनाव का माहौल है. पुलिस ने किसानों को दिल्ली में एंट्री करने से रोकने के लिए बैरिकेड के रूप में ट्रक खड़ा कर लगा रखा है. किसान इस ट्रक को हटाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं.
अंबाला के एसपी राजेश कालिया ने कहा, “हमने शंभू बॉर्डर को पूरी तरह से बंद रखा हुआ है, आज हमें जानकारी मिली है कि पंजाब से भारी मात्रा में किसान संगठन जो कल नहीं जा पाए थे वो आज यहां से जाने की कोशिश करेंगे. हम आज भी कोशिश करेंगे कि वो यहां से दिल्ली की ओर कूच न कर सकें.”
10:59 AM IST | 27 NOV 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने आ रहे किसानों और सुरक्षा बलों की टिकरी बॉर्डर पर झड़प हुई.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में तब्दील करने की अनुमति मांगी. पंजाब और हरियाणा से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं.
कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली जाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. एक किसान प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमें प्रदर्शन करने का भी हक नहीं है, ऐसे बेरिकेड लगाए हैं जैसे कि हम पाकिस्तान या चीन से आए हैं. हम अपनी राजधानी में प्रदर्शन करने जा रहे हैं.