श्रम मंत्रालय (labor Ministry) ने संसद में नए श्रम कोड का प्रस्ताव दिया है, जिसके पास होने के बाद ऑफिस में ड्यूटी (Duty in office) करने का समय 12 घंटे हो सकता है. हालांकि श्रम मंत्रालय ने नए श्रम कोड (New labor code) में एक हफ्ते में कुल काम के घंटों में किसी तरह का कोई इजाफा नहीं किया है. ऐसे में आपको सप्ताह में केवल 48 घंटे ही काम करना होगा. इसके साथ ही आपके हफ्ते में वीक ऑफ (Week off) भी बढ़ सकते है. आइए जानते है नए श्रम कोड के बारे में….
श्रम मंत्रालय ने संगठित और असंगठित क्षेत्रों के कामगारों, छोटे व्यापारी, स्ट्रीट हॉकर्स, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले सभी श्रमिकों के लिए ESIC का लाभ सुनिश्चित किया है. इसके तहत सभी श्रमिक अपनी तनख्वाह के छोटे से अंश दान से अस्पताल और औषधालयों से मुफ्त में चिकित्सा सुविधा ले सकेंगे.
नए श्रम कोड के लागू होने के बाद प्रवासी मजदूरों को साल में एक बार अपने घर जाने के लिए यात्रा-भत्ता दिए जाने की शर्त रखी गई है.
इस कानून के बनने के बाद प्रवासी श्रमिक अपने राशन कार्ड को अन्य राज्यों में आसानी से ट्रांसफर करा सकेंगे और वह जहां भी रहेंगे वहां राशन डीलर से अपने कोटे का राशन प्राप्त कर सकेंगे.
अभी तक महिला श्रमिकों को खनन और निर्माण जैसे क्षेत्रों में काम करने की मंजूरी नहीं थी. नए श्रम कोड के पास होने के बाद महिला श्रमिक सभी क्षेत्रों में काम कर सकेंगी.
सरकार ने नए श्रम कोड में श्रमिकों को तकनीकी ज्ञान को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. जिससे श्रमिक उबर, ओला, फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी कंपनी में आसानी से काम कर सके.
अभी तक देश में असंगठित क्षेत्रों में पुरुषों के मुकाबले महिला श्रमिकों को कम वेतन दिया जाता था. लेकिन नए श्रम कोड में एक समान वेतन और डिजिटल भुगतान का प्रावधान रखा गया है.
नए श्रम कोड में संगठित और असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों की मजदूरी में हर 5 साल में संशोधन का प्रावधान बनाया गया है. इसके लागू होने के बाद हर 5 साल में न्यूनतम मजदूरी में संशोधन करना अनिवार्य होगा.