भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को कहा कि उसने एर्नाकुलम स्थित मुत्थूट फाइनेंस (Muthoot Finance) पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना सोने के बदले कर्ज मामले में 5 लाख रुपये से ज्यादा के लोन टू वैल्यू रेश्यो (LVR) और कर्जदार के पैन की कॉपी लेने को लेकर जारी निर्देशों का पालन नहीं करने को लेकर लगाया गया है. केंद्रीय बैंक ने मन्नपुरम फाइनेंस, त्रिचुर पर भी 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना गोल्ड ज्वैलरी के मालिकाना हक के वेरिफिकेशन से जुड़े निर्देशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर लगाया गया है.
नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया था
रिजर्व बैंक ने मुत्थूट फाइनेंस के बारे में कहा कि कंपनी की 31 मार्च 2018 और 31 मार्च 2019 की स्थिति के मुताबिक वित्तीय स्थिति की कानूनी जांच में दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने की बात सामने आई है. कंपनी को एक नोटिस भेजा गया था जिसमें कहा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन करने में असफल रहने के लिए जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाए. नोटिस को लेकर कंपनी के जवाब को देखने, उसके द्वारा दिए गए मौखिक सब्मिशन और अतिरिक्त सब्मिशन का निरीक्षण करने के बाद आरबीआई ने निष्कर्ष निकाला है कि निर्देशों का अनुपालन नहीं करने का चार्ज बरकरार रहेगा और मॉनेटरी जुर्माना लगाया जाएगा.
उल्लंघन की हुई पुष्टि
इसी तरह मन्नपुरम फाइनेंस के मामले में आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च 2019 की स्थिति के मुताबिक, कंपनी की जांच में दिशा-निर्देशों के उल्लंघन की बात सामने आई है. इस मामले में भी एक नोटिस जारी हुआ था और कंपनी के जवाब, मौखिक सब्मिशन और अतिरिक्त सब्मिशन का निरीक्षण करने के बाद RBI ने निष्कर्ष निकाला कि निर्देशों का अनुपालन नहीं करने का चार्ज बरकरार रहेगा और मॉनेटरी जुर्माना लगाया जाएगा.
दोनों ही मामलों में केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह कार्रवाई रेगुलेटरी अनुपालन करने में कमियों की वजह से ली गई और यह कंपनी द्वारा उसके ग्राहकों के साथ किसी ट्रांजैक्शन या समझौते की वैधता के बारे में नहीं बताती है.