Diwali 2020: व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को कहा कि दिवाली सीजन के दौरान देशभर में विक्रेताओं ने 72 हजार करोड़ का सामान बेचा. कैट के मुताबिक, ऐसा चीनी सामान का पूरी तरह बॉयकॉट करने की वजह से हुआ. कैट ने दावा किया कि इससे चीन को सीधे तौर पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कैट ने बताया कि यह उसकी 20 अलग-अलग शहरों से जुटाई गई रिपोर्ट्स पर आधारित है जिसमें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, कोलकाता, नागपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, रांची, भोपाल, लखनऊ, कानपुर, नोएडा, जम्मू आदि शामिल हैं.
पटाखा विक्रेताओं को 10 हजार करोड़ का नुकसान
कैट ने यह भी बताया कि पटाखे पर बैन की वजह से विक्रेताओं को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हुआ है.
कैट के अध्यक्ष बी.सी.भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि रिटेल व्यापार के विभिन्न वर्गों जिसमें खास तौर पर भारत में बने एफएमसीजी उत्पाद, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, बिजली के उपकरण और सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, उपहार की वस्तुएं, मिठाई, जूते, घड़ियाँ , फर्नीचर आदि की त्योहारी सीजन में बिक्री बहुत अच्छी रही है.
उन्होंने कहा कि इस साल चीनी उत्पादों का बहिष्कार करके हिंदुस्तानी दिवाली मनाने के कैट के अभियान को देश भर से व्यापक समर्थन मिला. कैट के बयान के मुताबिक, देश के व्यापारियों और लोगों ने बहुत मजबूती के साथ चीन को 40 हजार करोड़ के व्यापार का बड़ा झटका दिया और चीन को यह कड़ा संदेश दिया की वो भारत को डंपिंग यार्ड नहीं समझे और भारत के रिटेल व्यापार पर कब्जा करने की उसकी मंशा का मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा.
मूर्तिकारों, कुम्हारों का भी अच्छा कारोबार
बयान में कहा गया है कि कैट की कोशिशों से इस साल पहली बार दिवाली पर बड़ी संख्या में लोकल कारीगरों, मूर्तिकारों, हस्तशिल्प श्रमिकों और विशेष रूप से कुम्हारों के बनाये उत्पादों को एक बड़ा बाजार मिला और उन्होंने भी अच्छा व्यापार किया.
इसके अलावा भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि अगर सेंसेक्स कोई संकेतक है तो निश्चित रूप से देश में व्यापार के लिए एक उज्ज्वल भविष्य है. उनके मुताबिक पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली सूचकांकों ने कोरोना और लॉक डाउन के असर के बावजूद लगभग 10 फीसदी इजाफा किया.