Diwali 2020 Financial Tips: दिवाली रोशनी, पटाखों और मिठाइयों का त्यौहार है. यह न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर के कई देशों में भी मनाया जाता है. यह त्यौहार सुख और समृ्द्धि का प्रतीक है. इस त्यौहार को मनाने के लिए हम जो तैयारियां करते हैं, उसे अगर ध्यान में रखें तो अपनी वित्तीय योजनाएं भी बना सकते हैं. यहां हम आपको इस दिवाली आपको ऐसे कुछ वित्तीय उपाय सुझाने जा रहे हैं जिससे आर्थिक तौर पर अपनी स्थिति मजबूत की जा सके.
दिवाली क्यों है खास
दिवाली से हम क्या सीख सकते हैं, इससे पहले हम यह देखते हैं कि इस दिन के लिए क्या तैयारियां की जाती है या इस दिन क्या होता है.
- दिवाली से पहले घर की सफाई होती है और सजावट की जाती है.
- दिवाली को बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन लंका के शासक रावण को मारकर अयोध्या के राजा राम अपने राज्य वापस लौटे थे.
- इस त्यौहार पर धन की देवी लक्ष्मी की पूजा होती है.
- देश के कई कारोबारी इसे नववर्ष के तौर पर मनाते हैं. यह शुभ दिन होता है, इसलिए इस दिन नए एसेट खरीदे जाते हैं और नए निवेश भी किए जाते हैं. यहां तक कि इस दिन कई लोग जुआ भी खेलते हैं.
- अपने सेफ, लेजर और एकाउंटिंग सिस्टम के सम्मान में इस दिन विशेष प्रार्थना की जाती है.
- हिंदू संस्कृति के मुताबिक ईमानदारी से कमाए गए पैसे को अच्छा माना गया और गलत तरीके से पैसे कमाने को मना किया गया है. इसलिए दिवाली को वित्तीय सफलता के लिए भी प्रार्थना की जाती है.
- इस दिन की प्रार्थना में नगदी या ज्वैलरी, गोल्ड कॉइन जैसी वस्तुएं भी चढ़ाई जाती हैं.
दिवाली से सीखें ये वित्तीय पाठ
ध्वनि प्रदूषण- दिवाली से पहले पटाखे छोड़ने से मना किया जाता है क्योंकि इससे बहुत शोर होता है. ऐसे ही आपको कई लोग निवेश के विकल्प सुझा रहे होंगे, कुछ लोग अफवाहों के आधार पर आपको टिप्स भी दे देंगे, यह सब शोर की तरह हैं. आपके निवेश का फैसला आपके लक्ष्य, समय और रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर होना चाहिए. इसलिए निवेश के लिए सभी से राय ने लें. जरूरी हो तो किसी रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर की मदद ले सकते हैं.
इमरजेंसी- पटाखों से एक बात आप और सीख सकते हैं. जब आप पटाखे छोड़ते हैं तो इससे होने वाली किसी भी दुर्घटना के लिए तैयारी पहले से हुई रहती है, जैसे कि पानी की बाल्टी रखी रहेगी. हालांकि दुर्घटना होना जरूरी नहीं है लेकिन इमरजेंसी की स्थिति के लिए तैयारी करना आवश्यक है. इसी तरह निवेशक के तौर पर आपके सामने भी आपात स्थिति आ सकती है. इसके लिए पहले से तैयारी कर लेनी चाहिए. आपके न होने की स्थिति में आपके परिवार की देखभाल के लिए आपके पास टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी जरूर होनी चाहिए. इसके अलावा किसी भी प्रकार की दुर्घटना या गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस जरूर होना चाहिए.
रिस्क मैनेजमेंट- पटाखों को आप जिस तरह से बच्चों से दूर रखने की कोशिश करते हैं, वैसे ही वित्तीय फैसले लेते समय किसी भी गलती को होने से रोकने के लिए सावधानी बरतें. वित्तीय योजना बनाते समय रिस्क और शेयर, म्यूचुअल फंड्स व फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर मिलने वाले रिटर्न को अच्छी तरह समझना होता है. अपना पोर्टफोलियो तैयार करते समय निवेश के रिस्क मैनेजमेंट के लिए रणनीति बनानी चाहिए.
फ्यूचर प्लानिंग- दिवाली पर गिफ्ट, कपड़े और गाड़ियों इत्यादि पर खर्च के लिए भारतीय साल भर योजनाएं तैयार करते हैं और इसमें जेंडर, उम्र और व्यक्तित्व जैसे पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाता है. ऐसे ही वित्तीय योजना बनाते समय अपनी उम्र, लक्ष्य, निवेश अवधि, एक्सपेक्टेड रिटर्न और रिस्क लेने की क्षमता पर विचार कर लेना चाहिए. जैसे कि दिवाली पर लोग घर जाते हैं तो महीनों पहले ही योजना बनाकर एडवांस्ड टिकट बुकिंग करा लेते हैं और यह सस्ता पड़ता है. ऐन दिवाली के मौके पर दिवाली के टिकट महंगे हो जाते हैं. इसी तरह कम उम्र में निवेश की योजना बनाना सही होता है क्योंकि उस समय आपको यह सस्ता पड़ता है. इंश्योरेंस की बात करें तो यह उम्र बढ़ने पर महंगा हो जाता है.
लक्ष्य बनाकर करें निवेश- दिवाली के मौके पर जब आप अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के लिए उपहार लेते हैं तो उनकी उम्र और पसंद के अलावा प्रिफरेंस के आधार पर भी यह फैसला लेते हैं. इसी तरह निवेश में भी प्रिफेरेंस के आधार पर फैसला लेना चाहिए. वित्तीय फैसले बनाते समय महत्त्वपूर्ण लक्ष्य जैसे कि घर खरीदना, रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा इत्यादि पर फोकस रखना चाहिए.
वैरायटी- दिवाली के सेलीब्रेशन पर आप कई प्रकार के मिठाइयां, पटाखे, कपड़े, उपहार इत्यादि लाते हैं. जैसे इसमें वैराइटी होती हैं, वैसे ही पोर्टफोलियो में डायवर्सिटी होनी चाहिए. इससे आपको अपने निवेश पर रिस्क कम कर सकेंगे.
घर की सफाई- दिवाली से पहले घर के हर कोने की सफाई होती है. इस अभियान में घर के हर सदस्य भागीदारी करते हैं. इस सफाई अभियान में आप बेकार पड़ी चीजों को बाहर फेंक देते हैं. ऐसे ही वित्तीय योजना बनाते समय भी एप्रोच रखें. अपने निवेश सलाहकार से अपने पोर्टफोलियो से उन सभी स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड्स को निकालने के लिए कहिए, जो बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं.
इलाज से बेहतर परहेज- पटाखे छोड़ते समय आप कई तरह की सावधानियां बरतते हैं, ताकि उनकी वजह से आपके हाथ न जलें या कपड़ों में आग न पकड़ लें. ऐसे ही निवेश के लिए भी रणनीति होती है. बिना सोचे-समझे निवेश नहीं करना चाहिए. अपने वित्तीय सलाहकार की मदद से निवेश करें क्योंकि उन्हें अच्छी तरह पता होता कि किस निवेश में कितना रिस्क है.
शुभ उत्सव- दिवाली एक मंगलकारी और शुभ दिन है. कई निवेशक इस दिन से निवेश करना शुरू करते हैं. हालांकि निवेश शुरू करने से पहले कुछ बेसिक जानकारी जरूर होनी चाहिए. अगर किसी की मदद लेनी है तो किसी सेबी रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर के पास जाएं. वह आपकी जरूरतों और क्षमता के मुताबिक बेहतरीन निवेश रणनीति बना सकता है.