IPO Market: ग्लैंड फार्मा (Gland Pharma) का 6500 करोड़ रुपये का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) आज 9 नवंबर यानी सोमवार को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहा है. यह भारत में किसी भी फार्मा कंपनी द्वारा लाया गया सबसे बड़ा IPO है. इस IPO से पहले ग्लैंड फार्मा ने सिंगापुर सरकार, नोमुरा, गोल्डमैन सैक्स, मोर्गन स्टेनली, एसबीआई म्यूचुअल फंड और एक्सिस म्यूचुअल फंड जैसे एंकर इंवेस्टर्स के जरिए 1,944 करोड़ रुपये जुटाए हैं. कंपनी ने 1,500 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की दर से ये पैसे जुटाए हें. इस IPO को बुधवार यानी 11 नवंबर तक सब्सक्राइब किया जा सकेगा. अगर आप भी इसमें पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो पहले जान लें जरूरी बातें.
क्या करना चाहिए निवेश?
सैमको सिक्योरिटीज की सीनियर रिसर्च एनालिस्ट निराली शाह ने ग्लैंड फार्मा के आईपीओ में लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह दी है. उनका कहना है कि शंघाई कं फोसन बैक्ड कंपनी ग्लैंड फार्मा के लिए कई फैक्टर काम कर रहे हैं. सबसे पहले तो प्योर फॉर्मुलेशन स्पेस में यह एक मात्र लिस्टेड भारतीय कंपनी है. दूसरी बात की कंपनी B2B मॉडल फालो करती है. कंपनी 60 से ज्यादा देशों में अपने प्रोडक्ट बेचती है और अपने जतमाम पार्टनर्स के साथ कंपनी का लांग टर्म कांट्रैक्ट है. इसके टॉप 5 क्लाइंट कुल रेवेन्यू में 40 फीसदी का सोगदान देते हैं. कंपनी वित्तीय रूप से भी मजबूत पोजिशन में है. कंपनी का फ्यूचर में एक्सपेंशन प्लान है. वर्किंग कैपिटल की जरूरतों के लिए कंपनी आईपीओ से मिले फंड का इस्तेमाल करेगी. कैशबुक भी बेहतर है.
आइपीओ का प्राइस बैंड
कंपनी ने इस आईपीओ के लिए 1490-1500 रुपये प्रति शेयर की कीमत तय की है. इस IPO के तहत 1,250 करोड़ रुपये मूल्य के (80 लाख शेयर) शेयर जारी किए जाएंगे. वहीं, ऑफर ऑफ सेल के जरिए 3.48 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी. यानी 4,750 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) रखा जाएगा. इस आईपीओ से जुटने वाले फंड का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल, पूंजीगत व्यय और कंपनी से जुड़े सामान्य खर्चों के लिए किया जाएगा.
कम से कम कितना निवेश जरूरी
कंपनी ने 15 शेयरों का लॉट तैयार किया है. इसका मतलब है कि किसी भी निवेशक को कम से कम 15 शेयर खरीदने होंगे. इस IPO में खुदरा श्रेणी के लिए 35 फीसदी शेयर आरक्षित किए गए हैं.
दवा कंपनी का सबसे बड़ा आईपीओ
ग्लैंड फार्मा के 6,500 करोड़ रुपये का आईपीओ किसी भी दवा कंपनी द्वारा लाया गया सबसे बड़ा आईपीओ है. इससे पहले एरिस लाइफसाइंसेज ने 2017 में आईपीओ से 1,741 करोड़ रुपये जुटाए थे. अल्केम लैबोरेटरीज ने 2015 और लॉरस लैब्स ने 2016 में 1350 करोड़ रुपये जुटाए थे. अब तक सिर्फ 14 भारतीय कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 6,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाई है.
चीन की कंपनी है प्रमोटर
ग्लैंड फार्मा मूलरूप से फोसन सिंगापुर और शंघाई फोसन फार्मा द्वारा प्रमोटेड है. ऑफर फॉर सेल में 1.93 करोड़ शेयरों की बिक्री कंपनी की प्रमोटर फोसन फार्मा करेगी जबकि एक करोड़ शेयरों की बिक्री ग्लैंड सेलस बायो केमिकल करेगी. एम्पावर 35.73 लाख शेयरों को बेचेगी जबकि निलय कंपनी 18.74 लाख शेयरों को बेचेगी. कंपनी में चीन की कंपनी फोसन फार्मा की 74 फीसदी हिस्सेदारी है. कंपनी के अन्य निवेशको में ग्लैंड सेलस (12.97 फीसदी), एम्पावर (5.08 फीसदी) और निलय (2.42 फीसदी) शामिल हैं.
कंपनी का कारोबार
ग्लैंड फार्मा इंजेक्टेबल दवाएं बनाती है. यह कंपनी भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा समेत 60 देशों में अपने प्रोडक्ट बेचती है. कंपनी के पास कुल 1427 प्रोडक्ट हैं और कंपनी ने USFDA के पास 267 दवाओं की न्यू ड्रग्स एप्लीकेशन फाइलिंग सबमिट की है. इसमें से 215 को मंजूरी मिल चुकी है.
कंपनी की वित्तीय स्थिति
ग्लैंड फार्मा ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान 2,772 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया जबकि उससे पिछले वित्त वर्ष यह राशि 2,129.7 करोड़ रुपये थी. वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का मुनाफा 772.8 करोड़ रुपये रहा जबकि उससे पिछले वित्त वर्ष में यह 451.8 करोड़ रुपये था.