नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने व्हाट्सऐप (WhatsApp) को UPI पर लाइव जाने की इजाजत दे दी है. NPCI की वेबसाइट पर मौजूद प्रेस रिलीज के मुताबिक व्हाट्सऐप अपने UPI यूजर बेस को चरणबद्ध तरीके से बढ़ा सकता है जिसकी शुरुआत UPI में अधिकतम 20 मिलियन के रजिस्टर्ड यूजर बेस के साथ होगी. वर्तमान में, पेटीएम, गूगल पे और फोन पे डिजिटल भुगतान के बाजार में बड़े खिलाड़ी हैं.
काफी समय से कर रही थी कोशिश
बता दें कि व्हाट्सऐप काफी समय से अपनी पेमेंट सर्विस की शुरुआत करने की कोशिश कर रही है क्योंकि वह भारत में डिजिटल पेमेंट मार्केट में आना चाहती है. पिछले साल जुलाई में उसके ग्लोबल हेड Will Cathcart कुछ सीनियर अधिकारियों के साथ भारत आए थे. वे आरबीआई, NPCI और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अधिकारियों और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मुलाकात के लिए आये थे. मीडिया से बातचीत में Cathcart ने कहा था कि कंपनी का पेमेंट्स सर्विस को इस साल (2019 में) लॉन्च करने का इरादा है.
भारत व्हाट्सऐप के लिए एक जरूरी बाजार है. दुनिया में प्लेटफॉर्म के कुल 1.5 अरब यूजर्स में से 40 करोड़ भारत के हैं. वर्तमान में UPI आधारित पेमेंट्स सर्विस देने वाले 45 से ज्यादा थर्ड पार्टी ऐप्स हैं जिनमें गूगल पे, अमेजन पे, फ्लिपकार्ट और PhonePe शामिल हैं. इसके अलावा 140 बैंक जैसे पेटीएम पेमेंट्स बैंक, एयरटेल पेमेंट्स बैंक और एक्सिस बैंक भी ये सेवाएं देते हैं.
NPCI ने थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स पर लगाई 30% की सीमा
इससे पहले आज NPCI ने UPI में प्रोसेस्ड ट्रांजैक्शन के कुल वॉल्यूम पर 30 फीसदी की सीमा लगाई है जो सभी थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स (TPAPs) के लिए लागू है. यह नियम 1 जनवरी 2021 से लागू होगा. NPCI ने प्रेस रिलीज में कहा कि UPI के प्रति महीने 2 अरब ट्रांजैक्शन की संख्या पर पहुंचने और भविष्य में ग्रोथ देखते हुए यह किया गया है. बयान के मुताबिक, इससे UPI इकोसिस्टम के आगे बढ़ने के साथ उसके जोखिमों को दूर करने और सुरक्षा बेहतर करने में मदद मिलेगी. 30 फीसदी की सीमा को पिछले तीन महीने के दौरान UPI में प्रोसेस्ड ट्रांजैक्शन के कुल वॉल्यूम के आधार पर कैलकुलेट किया जाएगा.