नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज निवेशकों की राउंड टेबल मीटिंग (VGIR Summit 2020) की अध्यक्षता करेंगे. आज शाम 6 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली इस बैठक में अमेरिका, यूरोप, कनाडा जैसे देशों के 20 टॉप निवेशक और कंपनियों के प्रमुख हिस्सा लेंगे.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के मुताबिक इस बैठक का आयोजन वित्त मंत्रालय और राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा कोष (NIIF) कर रहा है. बैठक में भारत के जाने-माने उद्योगपति और कारोबारी शामिल होंगे.
मुकेश अंबानी, रतन टाटा जैसे कारोबारी होंगे शामिल
आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने बताया कि इस मीटिंग में रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी, HDFC के दीपक पारेख, सन फार्मा के दिलीप सांघवी, इंफोसिस के नंदन निलेकणि, टाटा ग्रुप (Tata Group) के रतन टाटा और उदय कोटक जैसे दिग्गज उद्योगपति शामिल होंगे और अपना अनुभव साझा करेंगे.
इस दौरान भारत के आर्थिक और निवेश परिदृश्य, स्ट्रक्चरल रिफॉर्म और सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के विजन पर चर्चा होगी. इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहेंगे.
ग्लोबल दिग्गज विदेशी निवेशक होंगे शामिल
इस राउंड टेबल में 6 ट्रिलियन डॉलर का प्रबंधन करने वाले दुनिया के बड़े पेंशन और सॉवरेन वेल्थ फंडों के 20 प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. तरुण बजाज ने बताया कि इस राउंड टेबल में आने वाले लोग ग्लोबल संस्थागत निवेशक अमेरिका, यूरोप, कनाडा, कोरिया, जापान, पश्चिम एशिया, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर समेत प्रमुख क्षेत्रों की अगुवाई करते हैं. इन निवेशकों में कुछ ऐसे हैं जो पहली बार भारत सरकार के साथ जुड़ेंगे.
बैठक में शामिल होने वाले कुछ प्रमुख फंड टेमासेक, ऑस्ट्रेलियन सुपर, CDPQ, CPP इनवेस्टमेंट्स, GIC, फ्यूचर फंड, जापान पोस्ट बैंक, जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कॉअपरेशन, कोरियन इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन, ओनटोरियो टीचर्स, टीचर्स रिटायरमेंट टेक्सास और पेंशन डेनमार्क शामिल हैं.
आइए भारत में निवेश करिए
सचिव ने कहा, ‘इस सम्मेलन के पीछे विचार निवेशकों को भारत में निवेश के अवसरों, भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति और उनके लिये मौकों के बारे में जानकारी देना है.’ यह बैठक प्रमुख वैश्विक निवेशकों और भारत के कारोबारी प्रमुखों को देश के वरिष्ठ नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने तथा भारत में आगे अंतरराष्ट्रीय निवेश में तेजी लाने के उपायों के बारे में बातचीत का अवसर देगी.
बजाज ने कहा, ‘निवेश को लेकर अगर उनकी कुछ चिंताएं हैं, तो हम उसका समाधान करेंगे और उसका उत्तर देने का प्रयास करेंगे. हम इन कोषों से पिछले पांच या छह महीनों से बातचीत कर रहे हैं. हमने उनके साथ बातचीत के आधार पर कई काम किये हैं.’