नई दिल्ली. दिवाली से पहले केंद्र सरकार करोड़ों लोगों को तोहफा दे सकती है. अब लोन पर मोरेटोरियम (Loan Moratorium) लेने वाले लोगों को ब्याज पर ब्याज नहीं देना होगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 2 नवंबर यानी आज सुनवाई होनी है. जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच छह महीने की लोन मोरेटोरियम वाली याचिका पर सुनवाई करेगी. केंद्र सरकार ने मार्च 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी. बता दें शीर्ष अदालत ने इससे पहले सरकार से कहा था कि सरकार को जल्द से जल्द ब्याज माफी योजना लागू करनी चाहिए. साथ ही आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए कहा कि मोरेटोरियम सुविधा लेने वालों को 15 नवंबर 2020 तक ब्याज पर ब्याज नहीं देना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने 2 नवंबर तक स्कीम को लेकर सर्कुलर जारी करने को कहा
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम के मामले पर आखिरी सुनवाई 14 अक्टूबर को की थी. इस सुनवाई में SC ने कहा कि ब्याज पर ब्याज माफी स्कीम को जल्द से जल्द लागू करना चाहिए. इस दौरान केंद्र ने सर्कुलर जारी करने के लिए 15 नवंबर तक का वक्त मांगा था. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार 15 नवंबर तक इससे जुड़ा सर्कुलर जारी कर देगी. इसे ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 2 नवंबर तक सर्कुलर जारी करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा कि जब फैसला हो चुका है तो उसे लागू करने में इतना समय क्यों लगना चाहिए.
सरकार जल्द लागू करे स्कीम
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि इस स्कीम को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए. सरकार जल्द से जल्द फैसला ले और उसके बाद इस आदेश को तुरंत पारित कर दिया जाएगा. SC के फैसले के बाद सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार 2 नवंबर तक ब्याज पर ब्याज माफी स्कीम को लेकर सर्कुलर जारी कर देगी.
सरकार चुकाएगी लोन के पैसे
बता दें सरकार बकाया लोन के चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर का पैसा खुद भरेगी. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 2 करोड़ रुपए तक के एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन सहित 8 सेक्टर पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज नहीं वसूले जाएंगे.
जानिए क्या है लोन मोरेटोरियम
कोरोना के कारन लगे लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरियां चली गईं. ऐसे में लोन की किस्तें चुकाना मुश्किल था. ऐसे में रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की सहूलियत दी थी. यानी लोन पर किस्तें टाल दी गई थी. किसी लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेते हुए किस्त नहीं चुकाई तो उस अवधि का ब्याज मूलधन में जुड़ जाएगा. यानी अब मूलधन+ब्याज पर ब्याज लगेगा. इसी ब्याज पर ब्याज का मसला सुप्रीम कोर्ट में है.