नई दिल्ली. कोरोना और लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन व्यापार में बड़ी वृद्धि हुई है. कोरोना से पहले भारत में ऑनलाइन कारोबार करीब 7 फीसदी था. लेकिन अब मौजूदा वक्त में यह कारोबार 7 से 24 फीसद हो गया है. अगर इस कारोबार को देखते हुए शहरी इलाकों पर गौर करें तो शहर के 42 फीसदी इंटरनेट यूजर्स ऑनलाइन माध्यम से अपनी खरीदारी कर रहे हैं. देश के कारोबारियों की सबसे बड़ी संस्था कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स का यह कहना है.
संस्था से जुड़े पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि भारत में व्यापारियों की दुकानें भारतीय अर्थव्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी, जिन्हे कोई मिटा नहीं नहीं सकता है. लेकिन यह कारोबार का नया तरीका है जिसको देश के व्यापारियों द्वारा एक अतिरिक्त व्यापार के रूप में अपनाया जाना भी ज़रूरी हो गया है.
6 साल में 200 बिलियन का हो सकता है ऑनलाइन कारोबार
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि भारत में स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. केंद्र सरकार द्वारा भी बड़ी संख्या में पंचायतों को डिजिटल तकनीक से साथ जोड़ा गया है. इसी के चलते देश के ई-कॉमर्स बाजार की वर्ष 2026 तक 200 बिलियन डॉलर के होने की उम्मीद है. ध्यान रहे कि मौजूद वक्त में यह कारोबार करीब 45 बिलियन डॉलर का है.
ऑनलाइन कारोबार को बढ़ाएगी इंटरनेट की 5G तकनीक
राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि देश में 5G तकनीक के जल्द शुरू होने के बाद ई कामर्स व्यापार और तेजी से आगे बढ़ेगा. बड़ी संख्या में लोग डिजिटल कॉमर्स को अपनाएंगे. टेक्नॉलॉजी ने डिजिटल पेमेंट, हाइपर-लोकल लॉजिस्टिक्स, एनालिटिक्स से संचालित कस्टमर एंगेजमेंट और डिजिटल विज्ञापनों जैसे नए विचारों को जन्म दिया है. इसके चलते भी भारत में ई-कॉमर्स व्यापार बढ़ेगा. इसी को ध्यान में रखते हुए और देश के व्यापारियों को आगे बढ़ाने के इरादे से कैट ने पूरी तरह से भारतीय “भारतईमार्केट” पोर्टल को शुरू करने जा रहा है.