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Home Loan/Car Loan: क्रेडिट स्कोर और सिबिल रिपोर्ट में क्या है अंतर? आपके लिए जानना जरूरी

Credit Score or Cibil Score: जब भी लोन या क्रेडिट कार्ड की बात निकलती है तो एक टर्म सबसे पहले सामने आता है, वह है ‘क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर’. क्रेडिट स्‍कोर कर्ज अदा करने की किसी व्‍यक्ति की साख को नापने का महत्‍वपूर्ण पैमाना है. इसलिए यह लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. CIBIL स्कोर तीन अंकों का नंबर होता है, जो 300 से 900 के बीच होता है. आवेदक द्वारा लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन फॉर्म भरने और उसे ऋणदाता को सौंपने के बाद, ऋणदाता सबसे पहले आवेदक के CIBIL स्कोर और रिपोर्ट की जांच करता है.

भारत में चार क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियां या क्रेडिट ब्यूरो जैसे- ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स , एक्सपेरियन और CRIF हाईमार्क काम करते हैं. इन संस्थानों को व्यक्तियों से जुड़े वित्तीय रिकॉर्ड इकट्ठा करने व बनाए रखने और इस डेटा के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट/क्रेडिट स्कोर जेनरेट करने का लाइसेंस प्राप्त है.

आप 900 के क्रेडिट स्कोर के जितने करीब होते हैं, आपका लोन आसानी से मंजूर हो जाने की संभावना उतनी ही बेहतर होती है. 750 से ज्‍यादा कोई भी स्‍कोर अच्‍छा सिबिल स्‍कोर होता है, वहीं 300 के आसपास का स्कोर खराब माना जाता है. अगर CIBIL स्कोर कम है, तो हो सकता है कि ऋणदाता आगे आवेदन पर विचार ही न करे और उसे उसी समय रिजेक्ट कर दे. अगर CIBIL स्कोर अधिक है, तो ऋणदाता आवेदन को देखेगा और यह तय करने के लिए कि क्या आवेदक क्रेडिट देने योग्य है, उसके अन्य विवरणों पर विचार करेगा. यह बात नोट कर लें कि CIBIL किसी भी मामले में यह फैसला नहीं करता है कि ऋण/क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति दी जानी चाहिए या नहीं.

सामान्य क्रेडिट स्कोर लिमिट

खराब: 300-579
संतोषजनक: 580-669
अच्छा: 670-739
बहुत अच्छा: 740-799
सर्वोत्तम: 800-850

कैसे खुद चेक कर सकते हैं ​क्रेडिट स्कोर

बता दें कि व्यक्ति खुद आसानी से नए क्रेडिट कार्ड और लोन के लिए अपनी योग्यता तय करने के लिए अपने क्रेडिट स्कोर को जान सकते हैं. सिबिल की वेबसाइट के अलावा कई बैंकिंग सर्विस एग्रीगेटर्स की वेबसाइट्स पर अपने क्रेडिट स्‍कोर को चेक किया जा सकता है. सिबिल की वेबसाइट पर अपना क्रेडिट स्‍कोर चेक करने के लिए आप सब्‍सक्रिप्‍शन प्‍लान ले सकते हैं. इसे मुफ्त भी देखा जा सकता है लेकिन फ्री सब्‍सक्रिप्‍शन का इस्‍तेमाल करने पर आप साल में केवल एक बार अपनी करंट सिबिल रिपोर्ट देख पाएंगे.

यह जान लेना भी जरूरी है कि क्रेडिट स्कोर निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला फॉर्मूला एक क्रेडिट ब्यूरो से दूसरे क्रेडिट ब्यूरो में भिन्न होता है. इसलिए एक व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर अलग-अलग ब्यूरो में अलग-अलग हो सकता है.

ऐसे अच्छा रखें क्रेडिट/सिबिल स्कोर

  • अपने क्रेडिट कार्ड बिल और लोन EMI का समय पर भुगतान करें.
  • क्रेडिट के उपयोग का रेशियो 30 फीसदी तक सीमित रखें.
  • क्रेडिट रिपोर्ट को नियमित समय पर चेक करते रहें.
  • किसी लोन के लिए को-साइनर या गारंटर बनने से बचें, जब तक कि आप जल्द ही लोन लेने की नहीं सोच रहे हैं.
  • अधिक कर्ज लेने से बचें. बहुत कम समय के भीतर कई बार क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए आवेदन न करें.
  • सिक्योर्ड और अनिसक्योर्ड लोन दोनों में संतुलन बनाए रखें.

कुछ अन्य जरूरी प्वॉइंट्स

– क्रेडिट स्कोर कभी भी शून्य नहीं हो सकता है. हालांकि, यदि किसी व्यक्ति की कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है या क्रेडिट के लिए बहुत नया है, तो उन्हें क्रेडिट स्कोर “NA” या “NH” के साथ जोड़ा जा सकता है.
– क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस क्रेडिट ब्यूरो हर 30-45 दिनों के बाद डेटा जमा करते हैं, जिसके बाद क्रेडिट स्कोर को क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों द्वारा अपडेट किया जाता है.

– CIBIL आपकी CIR में प्रदर्शित रिकॉर्ड को हटा नहीं सकता या उसमें बदलाव नहीं कर सकता है.

सिबिल रिपोर्ट भी जान लें

सिबिल रिपोर्ट यानी CIR किसी व्‍यक्ति की क्रेडिट पेमेंट की हिस्‍ट्री होती है. एक अवधि में कोई अपने कर्जों को कैसे उतारता है, सिबिल रिपोर्ट में उसका पूरा लेखाजोखा होता है. इसमें दिवालिया होने और देर से कर्ज चुकाए जाने की भी डिटेल रहती है. आसान शब्दों में कहें तो क्रेडिट रिपोर्ट बताती है कि व्यक्ति ने कब-कब लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन किया, किस-किस बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन या क्रेडिट कार्ड मिला और लोन या क्रेडिट कार्ड EMI और बिल का भुगतान समय पर किया गया या नहीं.

हालांकि, इसमें आपकी सेविंग्‍स, निवेश, या यूटिलिटी बिल या एफडी की डिटेल्‍स नहीं होती हैं. सिबिल रिपोर्ट में कंज्‍यूमर का सिबिल स्‍कोर और क्रेडिट समरी, निजी जानकारी, संपर्क सूचना, रोजगार की जानकारी और लोन अकाउंट की जानकारी शामिल होती है. क्रेडिट रिपोर्ट में यह जानकारी भी रहती है कि किन बैंकों/NBFC ने आपकी क्रेडिट रिपोर्ट की जांच की है. क्रेडिट स्कोर को क्रेडिट रिपोर्ट में पाए गए क्रेडिट हिस्ट्री डेटा का इस्तेमाल कर प्रोपराइटरी फॉर्मूला का उपयोग करके क्रेडिट स्कोर को कैलकुलेट किया जाता है.

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