इस साल की अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में जनरल प्रॉविडेट फंड (GPF) और इसी प्रकार के अन्य फंड्स के लिए ब्याज दरों की घोषणा हो चुकी है. वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले डिपार्टमेंट अफेयर्स के बजट डिविजन ने इससे जुड़ी अधिसूचना जारी की है. इस अधिसूचना के मुताबिक इन फंड्स पर अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में 7.1 फीसदी का ब्याज मिलेगा. वित्तीय वर्ष की हर तिमाही की शुरुआत में सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को संशोधित करती है और जीपीएफ व अन्य योजनाओं पर दरों की घोषणा करती है.
PPF-NSC पर ब्याज दरें स्थिर
पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजना जैसे कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), एनएससी इत्यादि पर ब्याज दरें स्थिर हैं. इन योजनाओं में निवेश पर इस बार अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में 7.1 फीसदी सालाना की दर से चक्रवृद्धि ब्याज मिलेगा.
निम्नलिखित फंड्स पर इस तिमाही अक्टूबर से तिमाही 7.1 फीसदी का ब्याज क्रेडिट होगा.
1. जनरल प्रोविडेंट फंड (केंद्रीय सेवाएं)
2. कांट्रिब्यूटीर प्रोविडेंट फंड (इंडिया)
3. ऑल इंडिया सर्विसेज प्रोविडेंट फंड
4. स्टेट रेलवे प्रोविडेंट फंड
5. जनरल प्रोविडेंट फंड (डिफेंस सर्विसेज)
6. इंडियन ऑर्डिनेंस डिपॉर्टमेंट प्रोविडेंट फंड
7. इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज वर्कमैन्स प्रोविडेंट फंड
8. इंडियन नेवल डॉकयार्ड वर्कमैन्स प्रोविडेंट फंड 9. डिफेंस सर्विसेज ऑफिसर्स प्रोविडेंट फंड
10. आर्म्ड फोर्सेज पर्सनल पर्सनल प्रोविडेंट फंड
इनके खाते में GPF और CPF कांट्रिब्यूशन
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक जनरल प्रोविडेंट फंड (सेंट्रल सर्विसेज) रूल्स 1960 एक साल से अधिक समय तक लगातार काम कर चुके सभी अस्थायी सरकारी कर्मियों पर लागू होता है. इसके अलावा यह रि-एंप्लॉयड पेंशनर्स (कांट्रिब्यूटरी प्रोविडेंट फंड में योगदान करने के योग्य लोगों के अतिरिक्त) और सभी स्थायी सरकारी कर्मियों पर लागू होता है.
कांट्रिब्यूटरी प्रोविडेंट फंड रूल्स (इंडिया), 1962 ऐसे सभी गैर-पेंशनिक सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है जो राष्ट्रपति के नियंत्रण के तहत किसी भी सेवा में हों. इसके तहत खास उद्देश्यों के लिए सीपीएफ से निकासी की भी मंजूरी मिली हुई है. इसके अलावा जीपीएफ के नियमों की तरह सीपीएफ में भी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस रिवाइज्ड स्कीम की सुविधा मिलती है.
GPF खाते को लेकर मिल रही थी लगातार शिकायत
मंत्रालय में डिपॉर्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर को रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों से लगातार शिकायत मिल रही है. उनकी शिकायत यह है कि उनके जीपीएफ सेटलमेंट में देरी हो रही है और इसमें कई गलतियां हैं.उन्होंने शिकायत की है कि उनके जीपीएफ खाते में कई बार क्रेडिट भी नहीं हुआ है.
जीपीएफ में क्रेडिट की सबसे अधिक शिकायत ऐसे कर्मियों ने की है जिन्हें सर्विस के दौरान एक विभाग से दूसरे विभाग ट्रांसफर किया गया या विदेशी विभाग में काम के लिए नियुक्त किए गए. इसके अलावा ऑल इंडिया सर्विस के कुछ अधिकारियों, जिन्हें अपने कैडर से बाहर दूसरे कैडर में प्रतिनियुक्त किया गया, उन्होंने भी ऐसी शिकायत की.
कमियों को दूर करने के लिए विभाग ने जारी किया मेमोरेंडम
विभाग ने अपनी जांच में पाया कि जीपीएफ खातों की देखरेख सैलरी बिल बनाने वाली ऑफिस और उनका जीपीएफ सब्सक्रिप्शन डिडक्ट करने वाली संस्था से अलग एक ऑफिस करती है. इसे देखते हुए विभाग का मानना है कि जीपीएफ खातों में किसी गड़बड़ी को रोकने इन दोनों के बीच समन्वय बनाया जाना चाहिए. इसे लेकर इस साल की शुरुआत में विभाग ने ऑफिस मेमोरैंडम भी जारी किया था.
इसके तहत पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जीपीएफ खाते मेंटेन करने वाला ऑफिस हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जीपीएफ सब्सक्रिप्शन डिडक्ट करने वाले ऑफिस को सूचित करेगा. इसके अलावा रिटायरमेंट से एक साल और दो साल पहले एंप्लाई के सभी क्रेडिट्स, डेबिट्स और इंटेरेस्ट की पूरी जानकारी सब्सक्राइबर को दी जाएगी. कर्मचारी 60 दिनों के भीतर इसमें किसी भी गड़बड़ी की शिकायत करेगा.