वित्त मंत्रालय ने कहा है कि ‘चक्रवृद्धि और साधारण ब्याज के बीच अंतर के लिए ‘अनुग्रह राहत भुगतान योजना’ के तहत 29 फरवरी को बकाया ऋण को संदर्भ राशि माना जाएगा. इस अंतर की गणना इसी बकाया राशि के आधार पर की जाएगी. वित्त मंत्रालय ने बुधवार को इस बारे एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले सवाल) जारी किये. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी कर्जदाता संस्थानों से मंगलवार को कहा था कि वे दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिये हाल ही में घोषित ब्याज पर ब्याज की माफी योजना को लागू करें.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने NBFC समेत सभी कर्जदाता संस्थानों से मंगलवार को कहा था कि वे 6 माह के लोन मोरेटोरियम पीरियड के लिए दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिये हाल ही में घोषित ब्याज पर ब्याज की माफी योजना को 5 नवंबर तक लागू करें.
सरकार ने पिछले शुक्रवार को पात्र ऋण खातों के लिये चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर के भुगतान को लेकर छह माह के लिए अनुग्रह या अनुदान की घोषणा की थी. सरकार ने सभी बैंकों को पांच नवंबर तक चक्रवृद्धि ब्याज व साधारण ब्याज के अंतर को कर्जदारों के खाते में जमा करने के लिये कहा है. इस राहत से सरकारी खजाने पर 6500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की संभावना है.
कौन सी लोन कैटेगरी हैं पात्र
ब्याज पर ब्याज माफी योजना पर वित्त मंत्रालय द्वारा जारी FAQ में कहा गया है कि इसके तहत MSME ऋण, शिक्षा ऋण, आवास ऋण, टिकाऊ उपभोक्ता ऋण, क्रेडिट कार्ड बकाया, वाहन ऋण, प्रोफेशनल्स को व्यक्तिगत ऋण और उपभोग ऋण पर राहत दी जाएगी. इस योजना का लाभ ऐसे ऋण खातों पर मिलेगा, जिनमें लोन बकाया दो करोड़ रुपये से अधिक का नहीं होगा. इसमें सभी ऋण संस्थानों से लिया गया ऋण शामिल होगा. इस तरह के ऋण खाते 29 फरवरी 2020 की संदर्भ तिथि तक ऋणदाता संस्थानों के बही-खातों में स्टैंडर्ड होने चाहिए. यानी कर्ज की किस्त का भुगतान फरवरी के अंत तक होता रहा हो यानी संबंधित ऋण NPA नहीं हो.
लोन मोरेटोरियम का फायदा नहीं लेने वाले कर्जदारों को भी मिलेगी राहत
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि रिफंड के लिए एक मार्च से 21 अगस्त 2020 यानी छह माह या 184 दिन की अवधि को गिना जाएगा. यह अनुग्रह राशि सभी पात्र कर्जदारों के खातों में स्थानांतरित की जाएगी. रिजर्व बैक द्वारा 27 मार्च 2020 को घोषित लोन मोरेटोरियम का आंशिक लाभ या पूर्ण लाभ लेने वाले सभी कर्जदारों के साथ-साथ ब्याज माफी योजना का लाभ ऐसे उपभोक्ताओं को भी मिलेगा, जिन्होंने लोन मोरेटोरियम का फायदा नहीं लिया है. लाभ लेने के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी. योजना के तहत ऋणदाता संस्थानों को चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का अंतर पात्र ऋणदाताओं के खातों में डालना होगा.