नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर के कोटक महिंद्रा बैंक और IndusInd Bank के मर्जर की खबरें सामने आ रही हैं. कोटक महिंद्रा बैंक प्राइवेट सेक्टर के IndusInd Bank का अधिग्रहण कर सकती है, लेकिन इंडसइंड बैंक के प्रमोटर कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) इस बात का खंडन किया है. IIHL ने बताया कि फिलहाल कंपनी का इस तरह का कोई प्लान नहीं है. रविवार देर शाम को जारी हुई रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लूमबर्ग ने कहा कि कोटक महिंद्रा बैंक पूरे स्टॉक का अधिग्रहण कर सकती हैं. साथ ही ब्लूमबर्ग ने कहा कि यूके में रहने वाले हिंदुजा परिवार के चार भाइयों के बीच हुए विवाद के बाद ही ये बेचने की चर्चा सामने आई है.
कितना है IndusInd Bank का मार्केट कैप
अंग्रेजी अखबर दा टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, IndusInd प्रमोटर्स के पास इस समय IndusInd Bank में 15 फीसदी से कम हिस्सेदारी हैं. इसके अलावा बकाया की 85 फीसदी हिस्सेदारी थोक संस्थागत निवेशकों के पास है. बता दें इस समय बाजार में बैंक के शेयर की कीमत 60 फीसदी की बढ़त के साथ करीब 607 रुपए से भी ज्यादा है. इसके अलावा बैंक का मार्केट कैप 46,000 करोड़ रुपए के करीब है.
जानिए मर्जर के बाद किसकी बढ़ेगी हिस्सेदारी
इसके अलावा अगर हम कोटक बैंक की बात करें तो ये इस समय बाजार में करीर 52 हफ्तों के हाई से करीब 20 फीसदी नीचे है. वहीं, इसका मार्केट कैप करीह 2.7 लाख करोड़ रुपए है. बता दें अगर इस समय मौजूदा कीमतों पर दोनों बैंका का मर्जर होता है तो हिंदुजा प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 2 फीसदी बढ़ जाएगी.
लॉकडाउन में गिरी हिस्सेदारी
बता दें अगर इन दोनों बैंकों का मर्जर होता है तो कोटक और इंडसइंड बैंक के बीच एक बैंकिंग सौदा किया जाएगा क्योंकि इस समय बाजार में कोटक बैंक के पास मजबूत पूंजी और एक अच्छी संपत्ति है. बता दें लॉकडाउन के बीच 7,442 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली के बाद प्रोमोटर उदय कोटक की हिस्सेदारी लगभग 26 फीसदी तक गिर गई है.
बैंक के अधिकारी ने दी जानकारी
कोटक महिंद्रा ग्रुप के मुख्य संचार अधिकारी रोहित राव ने कहा, “हमारे पास कोई टिप्पणी नहीं है.” मॉरीशस की एक कंपनी IIHL ने ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा कि हमें इस बात के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है.
RBI ने लगाई थी पेनाल्टी
आपको बता दें हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इंडसइंड बैंक पर 4.5 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई थी. बैंक ने आरबीआई के कुछ निर्देशों का पालन नहीं किया था. आरबीआई ने हालांकि कहा कि बैंक और ग्राहक के बीच हुए किसी भी ट्र्रांजेक्शन या एग्रीमेंट की वैधता पहले की तरह ही रखा था.