केंद्रीय बैक आरबीआई के नए फैसले के बाद पेटीएम, फोनपे, गूगलपे, अमेजनपे और अन्य प्रकार के पेमेंट सिस्टम ऑपरेटर्स (PSO) अब अपना एक्सक्लूसिव क्यूआर कोड नहीं रख पाएंगे. एक्सक्लूसिव क्यूआर कोड का अर्थ ऐसा क्यूआर कोड है जिसके स्कैनिंग से सिर्फ उनके ऐप के माध्यम से ही पेमेंट हो सके. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सभी पेमेंट ऐप्स से 31 मार्च 2022 तक एक या एक से अधिक इंटरऑपरेबल (एक से अधिक लोगों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला) क्यूआर कोड अपनाने को कहा है.
एक्सक्लूसिव क्यूआर कोड नहीं जारी कर सकेंगे
आरबीआई ने निर्दश दिया है कि अब किसी भी पीएसओ द्वारा पेमेंट ट्रांजैक्शन के लिए अपना एक्सक्लूसिव क्यूआर कोड नहीं लांच किया जाएगा. आरबीआई की इस पहल के बाद ग्राहक किसी भी ऐप के जरिए किसी भी प्लेटफॉर्म पर पेमेंट कर सकेंगे. आरबीआई की इस पहल से देश में सिस्टम एफिशिएंसी बढ़ेगी. हालांकि अधिक पीएसओ पहले से ही इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड को अपना लिया है लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने ट्रांजैक्शंस के लिए अभी तक अपना क्यूआर कोड अलग रखा है.
देश में दो क्यूआर कोड उपलब्ध
आरबीआई के मुताबिक देश में दो इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड हैं-यूपीआई क्यूआर और भारत क्यूआर और ये दोनों चलते रहेंगे. पीएसओ इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड के प्रति जागरुकता बढ़ाएगा.
समिति के सुझाव पर फैसला
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कुछ समय पहले क्यूआर कोड की वर्तमान स्थिति और इंटरऑपरेबल क्यूआर अपनाने के लिए जरूरी मानक अपनाने को सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया था. फाटक समिति द्वारा दिए गिए सुझावों के मुताबिक आरबीआई ने कहा है कि इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड को सुधारने और स्टैंडर्डाइज करने की प्रक्रिया में कंसल्टेटिव प्रॉसेस अपनाया जाएगा ताकि इसके फायदे में बढ़ोतरी हो.
यूपीआई पेमेंट्स में लगातार बढ़ोतरी
देश में यूपीआई पेमेंट्स पिछले दो साल से लगातार बढ़ रहा है. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया मिशन को गति मिल रही है. FY18 और FY20 के दौरान यूपीआई ट्रांजैक्शंस में 13 गुना और इसकी वैल्यू में 20 गुना की बढ़ोतरी हुई. अगस्त 2020 में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक ट्वीट में कहा था कि सालाना 1800 करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शंस हो रहे हैं.