घर में बने पूजा स्थल का विशेष महत्व होता है। यह घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जहां से सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा रहती है। रोजाना घर में बने पूजा स्थल पर भगवान की आराधना करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। घर पर बने पूजा स्थल पर अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्तियां और तस्वीरें रखी हुई होती है। पूजा स्थल पर सही विधि से रोजाना पूजा करने पर भगवान का आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है। लेकिन कई बार पूजा करते समय जाने-अनजानें ऐसी गलतियां कर बैठते है जिसका परिणाम नकारात्मक रूप से हमें मिलना शुरू हो जाता है। आइए जानते हैं कहीं आप भी पूजा के दौरान ऐसी गलतियां तो नहीं करते हैं।
कई बार लोग अपने बेडरूम में ही भगवान का मंदिर बना लेते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार कभी भी शयनकक्ष में पूजा स्थल नहीं होना चाहिए। यहां पर पूजा स्थल होने से परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव होने लगता है।
आज के दौर में लोग अपने घरों में बड़ेृ-बड़े मंदिर बनवा लेते हैं। वास्तु शास्त्र और धर्म शास्त्रों के अनुसार घर पर जरूरत से ज्यादा बड़े मंदिर नहीं बनवाने चाहिए। खुले स्थानों पर ही मंदिर बनवाना उचित रहता है।
वास्तु विज्ञान के अनुसार अगर आपने मकान में पूजा घर बनाकर उनमें देवी-देवताओं को बैठाया है तो यह प्रयास करना चाहिए इनकी पूजा नियमित रूप से पूजा हो। कभी भी घर में बने पूजा स्थल पर ताला लगाकर कई दिनों के लिए नहीं जाना चाहिए। ऐसे में अगर आप कई दिनों के लिए घर से बाहर रह रहे हो तो ऐसी व्यवस्था करें कि नियमित रूप से घर पर बने पूजा स्थल पर भगवान की पूजा होती रहें।
पूजा घर में पुराने हो चुके फूल, माला, अगरबत्तियां जमा करके नहीं रखना चाहिए। इनसे नकारात्मक उर्जा का संचार होता है जो आपकी खुशियां और आय को कम करने का काम करते हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजा घर कभी सीढ़ियों, शौचालय और स्नान गृह की दीवारों से सटा हुआ नहीं होना चाहिए।
रसोई घर के साथ भी पूजा घर नहीं होना चाहिए इसकी वजह यह है कि रसोई घर में जूठन और डस्टबीन जैसी चीजें पवित्रता को नष्ट करते हैं।