नई दिल्ली: इंटरनेट की दुनिया में साइबर अटैक (Cyber Attack) कोई नई बात नहीं है. आए दिन हैकर्स दुनिया भर के नेटवर्क्स और कंपनियों पर साइबर हमले करते रहे हैं. लेकिन पहली बार Google ने खुलासा किया है कि 2017 में साइबर हमलावरों ने गूगल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला (Biggest cyber attack) किया था. ये डिस्ट्रीब्यूटेड डिनाइल-ऑफ-सर्विस (DDoS) के ऊंची बैंडविथ वाले 2.5 टीबीपीएस डीडॉस वाला हमला था. इस साइबर अटैक से निपटने में गूगल को लगभग 6 महीने का समय लगा.
क्या था ये हमला?
गूगल ने बताया है कि सितंबर 2017 में इस बड़े बैंडविथ वाले साइबर हमले को नाकाम किया गया था. Times of India की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में एकसाथ हजारों आईपी (IP) को एक साथ निशान बनाया गया था. हमलावरों ने चकमा देने के लिए कई नेटवर्क का उपयोग करके 167 एमबीपीएस (प्रति सेकंड लाकों पैकेट) से 1,80,000 सीएलएडीएपी, डीएनएस और एसएमटीपी सर्वरों को उजागर किया था.
सबसे ऊंची बैंटविड्थ का था ये हमला
कंपनी का कहना है कि साइबर हमलावर काफी ताकतवर थे. ये 2016 में हुए मिराई बॉटनेट पर हुए 623 जीबीपीएस की तुलना में 4 गुना बड़ा था. ये अब तक का सबसे ऊंची बैंडविड्थ का हमला था.
चीनी सरकार पर है शक
गूगल ने कहा है कि इतनी ऊंची बैंडविड्थ पर साइबर हमला किसी एक व्यक्ति या कंपनी के लिए संभव ही नहीं है. कंपनी ने खुलासा किया है कि ये हमला चीन से किया गया. इतना बड़ा और व्यापक साइबर हमला सरकार के मंजूरी के बिना संभव ही नहीं है. गूगल के ही थ्रेट एनालिसिस ग्रूब (TAG) ने दावा किया है कि इस बड़े हमले में चीन के चार इंटरनेट नेटवर्क्स का इस्तेमाल किया गया था.