नई दिल्ली : कोविड-19 (Covid-19) का प्रभावी टीका (Coronavirus Vaccine) विकसित करने के लिए दुनियाभर में जारी प्रयासों के बीच सरकार ने कहा है कि भारत में वायरस के जीनोम संबंधी दो अध्ययनों में पाया गया है कि यह आनुवांशिक रूप से स्थिर है जिसके रूप में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है.
कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि कोरोना वायरस के स्वरूप में बड़ा बदलाव होने से इसका टीका बनाने में मुश्किल आ सकती है. वहीं वैश्विक अध्ययनों में ये तथ्य सामने आया है कि वायरस के स्वरूप में आए कुछ हालिया बदलावों से इस समय विकसित की जा रही वैक्सीन का काम प्रभावित नहीं होना चाहिए.
Covid-19 वैक्सीन
कोविड-19 वैश्विक महामारी की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने एक बयान में कहा कि भारत में तीन टीके विकास के उन्नत चरणों में हैं, जिनमें से दो टीके दूसरे चरण और एक टीका तीसरे चरण में है.
ICMR की स्टडी
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Health Minister Dr Harsh Vardhan) ने पिछले महीने कहा था कि भारत में कारोना वायरस के स्वरूप में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं पाया गया है. गौरतलब है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) पिछले कुछ महीनों के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर जुटाए गए वायरस के स्वरूप (स्ट्रेन) का विस्तृत अध्ययन कर रहा था
Corona म्यूटेशन
यह हर जीव की तरह कोरोना वायरस के जीन, डीएनए और आरएनए में होने वाला बदलाव है. सभी जीवों की संरचना में म्युटेशन होता है. वायरस, बैक्टीरिया की जिंदगी छोटी होती है, इसलिए उनमें जल्दी-जल्दी म्युटेशन दिखता है. कोरोना के तमाम स्वरूप की पहचान हो चुकी है. यानी सामान्य तौर पर ‘म्यूटेशन’ का अर्थ किसी भी कोशिका में आनुवंशिक परिवर्तन से लगाया जाता है. वहीं किसी भी वायरस के स्वरूप को मेडिकल टर्म में ‘स्ट्रेन’ कहा जाता है.
PMO का ब्लू प्रिंट
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक ‘नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19’ (National Expert Group on Vaccine Administration) ने सभी राज्य सरकारों और हितधारकों के साथ मिलकर टीकों के भंडारण, वितरण और उसे लगाने के लिए एक विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया कि देश की भौगोलिक स्थिति और विविधता को ध्यान में रखते हुए जल्द ही सभी तक इन टीकों की पहुंच सुनिश्चित होनी चाहिए.