सुप्रीम कोर्ट ने कहा है केन्द्र को जितनी जल्द हो सके RBI की लोन मोरेटोरियम स्कीम के तहत 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर ब्याज पर ब्याज से छूट को लागू करना चाहिए. लोन मोरेटोरियम को कोविड19 महामारी को देखते हुए लोनधारकों को राहत देने के लिए लाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब आम आदमी की दिवाली सरकार के हाथ में है.
केन्द्र सरकार ने हाल ही में कोर्ट को बताया है कि उसने 6 माह के मोरेटोरियम पीरियड के दौरान निजी व्यक्तियों सहित 8 क्षेत्रों के लिए 2 करोड़ तक के ऋणों के पुनर्भुगतान पर चक्रवृद्धि ब्याज माफ करने का निर्णय लिया है. अब इससे अधिक राहत देना पूरे आर्थिक परिदृश्य के लिए घातक हो सकता है. जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच का कहना है कि केन्द्र को कुछ ठोस कदम उठाना होगा. 2 करोड़ रुपये तक के लोन धारकों के लिए छूट के फायदों को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए. कोर्ट इस मसले पर अब 2 नवंबर को सुनवाई करेगा.
सरकार ने नहीं जारी किया कोई आदेश
सुप्रीम कोर्ट की बेंच का कहना हे कि आम आदमी की मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए 2 करोड़ तक के ऋणों के पुनर्भुगतान पर चक्रवृद्धि ब्याज माफ करने का निर्णय सराहनीय है. लेकिन सरकार ने इस बारे में केवल एफिडेविट प्रस्तुत किया, कोई आदेश जारी नहीं किया. अब हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यह छूट लाभ कैसे दिया जाएगा.