कोलकाता. कोरोना वायरस महामारी के बीच ज्यादातर लोगों को आर्थिक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को राहत दी है. कोर्ट ने कोलकाता के 145 निजी स्कूलों को आदेश दिया कि वे कम से कम 20 प्रतिशत शुल्क कम करने की पेशकश करें. यह फैसला न्यायमूर्ति संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य की पीठ ने दिया.
गैर जरूरी शुल्क की अनुमति नहीं
हाईकोर्ट ने साथ ही कहा कि सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए गैर जरूरी शुल्क की अनुमति नहीं होगी. अदालत ने आदेश दिया कि वित्त वर्ष 2020-21 में कोई फीस वृद्धि नहीं होगी और अप्रैल 2020 से जब तक स्कूल दोबारा पारंपरिक तरीके से खुल नहीं जाते, तब तक सभी 145 स्कूल शुल्क में कम से कम 20 प्रतिशत कमी करने की पेशकश करेंगे.
अभिभावकों ने दायर की थी याचिक
बता दें कि कोलकाता के 145 निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल फीस में कमी करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि कक्षाएं केवल ऑनलाइन चल रही हैं और स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा बाकी अन्य फीस भी वसूल रहे हैं.
अदालत करेगी निर्देशों के पालन की निगरानी
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस याचिका पर वह सात दिसंबर 2020 को दोबारा सुनवाई करेगी. इससे पहले अदालत निर्देशों के अनुपालन में हुई प्रगति की निगरानी करेगी. इसके अलावा, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 3 सदस्यीय समिति को स्कूल शुल्क की शिकायतों से संबंधित जांच करने के लिए कहा है.