कोरोना काल के दौर में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने कई नियमों में बदलाव किया है. वहीं, कई ऐसी व्यवस्था शुरू की है जो डिजिटल तरीके से हो सकेगा. अब ईपीएफ खाताधारक डिजिटल तरीके से चंद मिनटों में कई अहम काम कर सकते हैं.
सिर्फ एक ऐप- यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस (उमंग) के जरिए कई काम सहजता से कर सकते हैं. हाल ही में उमंग ऐप पर ईपीएफ खाताधारकों के लिए एक नई सुविधा शुरू हुई है.
इस सुविधा के तहत ईपीएस सदस्यों को कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के अंतर्गत योजना के प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने में सक्षम बना दिया है. योजना का प्रमाण पत्र ऐसे सदस्यों को जारी किया जाता है, जो अपना ईपीएफ अंशदान निकाल लेते हैं लेकिन सेवानिवृत्ति की उम्र पर पेंशन लाभ लेने के लिए ईपीएफओ के साथ अपनी सदस्यता बरकरार रखना चाहते हैं.
एक सदस्य सिर्फ तभी पेंशन के लिए पात्र होता है, जब वह कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 का कम से कम 10 साल तक सदस्य रहता है. नई नौकरी से जुड़ने के बाद योजना प्रमाण पत्र सुनिश्चित करता है कि पिछली पेंशन योग्य सेवा को नए नियोक्ता के साथ प्रदान की गई पेंशन योग्य सेवा के साथ जोड़ दिया जाए, जिससे पेंशन लाभ बढ़ जाता है.
इसके अलावा, पात्र सदस्य की मृत्यु की स्थिति में परिवार के सदस्यों के लिए परिवार पेंशन हासिल करने में भी योजना प्रमाण पत्र उपयोगी है. उमंग ऐप के माध्यम से योजना प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने का फायदा ये है कि अब लोगों को फिजिकली आवेदन करने की दिक्कतों से मुक्ति मिलेगी. विशेष रूप से इससे महामारी के दौरान फायदा होगा और अनावश्यक कागजी खानापूर्ति से भी मुक्ति मिलेगी.
इस सुविधा से करीब 6 करोड़ सदस्यों को फायदा होगा. उमंग ऐप पर सेवाएं हासिल करने के लिए एक सक्रिय यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) और ईपीएफओ के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर होना आवश्यक है.
आपको बता दें कि भारत में मोबाइल गवर्नेंस को गति देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और नेशनल ई-गवर्नेंस डिविजन (एनईजीडी) ने उमंग (यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस) का विकास किया है.