नई दिल्ली. मोदी सरकार (Modi Government) के निर्देश पर देश की कई राज्य सरकारों ने गरीब लोगों के लिए ग्रीन राशन कार्ड योजना (Green Ration Card Scheme) ले कर आई है. इस योजना के जरिए गरीब लोगों को एक रुपये प्रति किलो अनाज उपलब्ध कराया जाएगा. केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकारें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अबतक लाभ से वंचित गरीबों को हरा कार्ड के जरिए लाभ पहुंचाएगी. हरियाणा, झारखंड सहित कई राज्य सरकारों ने इस दिशा में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. इस साल के आखिर में या 2021 के शुरुआत में कई राज्य सरकारें यह योजना लागू करने जा रही है. झारखंड सरकार इस योजना को आगामी 15 नवंबर से लागू करने जा रही है. इस योजना का लाभ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशन कार्ड से अब तक वंचित गरीब परिवारों को ही मिलेगा. ग्रीन राशन कार्डधारकों को इसके लिए नए सिरे से आवेदन करना होगा.
इस तरह आवेदन कर सकते हैं
ग्रीन राशन कार्ड पाने के लिए भी आपको राशन कार्ड की तरह ही तरीका अपनाना होगा. जनसेवा केंद्र या खाद्य आपूर्ति विभाग या पीडीएस केंद्र पर ग्रीन राशन कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है. आवेदक खुद भी ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. ग्रीन राशन कार्ड पाने के लिए आवेदकों को कई तरह की जानकारियां साझा करनी होगी. जैसे- आधार कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर, बैंक खाता का डिटेल, आवासीय और वोटर आईकार्ड भी ग्रीन राशन कार्ड के लिए अनिवार्य होगा. आवेदन ऑनलाइन भी किए जा सकते हैं.
ग्रीन राशन कार्ड के तहत राज्य सरकारें गरीब लोगों को प्रति यूनिट 5 किलो राशन देगी. देश के कई राज्यों के सीएम के द्वारा यह योजना शुरू की गई हैं. इस योजना की सारी जवाबदेही राज्य सरकारों के पास रेहगी. यह योजना लागू करने वाले राज्य मुखिया, पंचायत सेवक और जन वितरण प्रणाली दुकानदारों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं. बैठक में राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभुकों के लिए बनने वाले ग्रीन कार्ड के संबंध में चर्चा की जा रही है.
कुलमिलाकर यह योजना राज्य सरकार के द्वारा चलाई जाएगी. बीपीएल कार्डधारकों की ही ग्रीन राशन कार्ड मिलेगा. यह योजना केंद्र सरकार के द्वारा तैयार की गई है, लेकिन लागू और शुरू करने का काम राज्यों के द्वारा हो रहा है. इस योजना का लाभ सिर्फ और सिर्फ बीपीएल कार्डधरयकों को ही मिलेगा, लेकिन बीपीएल कार्डधारकों को देखा जाएगा कि वह कितना गरीब हैं.