नई दिल्ली. कोरोना वायरस को फैलने की रफ्तार पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने जब देशभर में लॉकडाउन लगाया तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने से लेकर कई जरूरी तारीखों को भी आगे बढ़ाया. इसी क्रम में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) की ओर से कर चोरी (Tax Evasion) के मामलों या बैंक अकाउंट्स के जरिये संदिग्ध लेनदेन (Suspected Transactions) करने वालों को नोटिस भेजने पर भी रोक लगा दी गई. अब जब से लॉकडाउन में ढील दी गई है आयकर विभाग फिर सक्रिय हो गया है. अब विभाग फिर कर चोरी के लिए तमाम हथकंडे अपनाने वाले लोगों पर कार्रवाई रहा है.
सीबीडीटी ने आयकर समन भेजने पर लगाई रोक हटाई
आयकर विभाग ने सितंबर 2020 में कर चोरी के मामलों में बड़ी संख्या में लोगों को समन (Summon) जारी किए. दरअसल, नोटबंदी के दौरान अपने बैंक अकाउंट में बड़ी रकम जमा (Heavy Deposits) करने वालों को ढूंढने और उन्हें आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजने का काम अब तक चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी. इसके तहत पुराने 1,000 और 500 के नोट रद्द कर दिए गए थे. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने लॉकडाउन के दौरान लोगों को समन भेजने पर रोक लगा दी थी. अब लॉकडाउन में ढील के बाद इस पाबंदी को हटा दिया गया है.
सीबीडीटी की ओर से 18 सितंबर को आयकर अधिकारियों को बता दिया गया है कि वे संदिग्धों के खिलाफ फिर से कार्रवाई शुरू कर सकते हैं. ऐसे में साफ है कि आयकर विभाग हर उस व्यक्ति को नोटिस भेजेगा, जिसके अकाउंट में नोटबंदी के बाद बड़ी रकम जमा की गई है. आयकर विभाग के रडार में आए नए लोगों को भी नोटिस भेजा जा सकता है. ये नोटिस कुछ सस्पेक्टेड ट्रांजेक्शन रिपोर्ट के आधार पर भेजे जा रहे हैं. विभाग आयकर कानून की धारा-148 के तहत 6 साल के डाटा में अनियमितता पाए जाने पर नोटिस भेज रहा है.
कार्रवाई के लिए विभाग कार्यालय में पेश होने से दी छूट
कोरोना वायरस के फैलने से पहले तक लोगों को वित्तीय अनियमितता के मामलों में सीधे नोटिस जारी किए जा रहे थे. अब संदिग्धों को नोटिस की सॉफ्ट कॉपी भेजी जा रही है. ये काम इनकम टैक्स बिजनेस एप्लिकेशन पोर्टल (ITBA Portal) के जरिये किया जा रहा है. कोरोना संकट को देखते हुए टैक्सपेयर को विभाग कार्यालय में पेश होने से छूट दी जा रही है. कार्रवाई के लिए उनका विभाग कार्यालय में मौजूद होना जरूरी नहीं है. वहीं, संदिग्ध व्यक्ति को अपनी ओर से किसी को कार्यालय भेजने की जरूरत नहीं है. व्यक्ति को ई-मेल के जरिये नोटिस भेजा जा रहा है.