नई दिल्ली: कोरोना काल में कमाई का जरिया खो चुके कर्जदारों के सामने सवाल बड़ा सवाल ये है कि वो अपने घर, गाड़ी की EMI कैसे भरेंगे, और दूसरा बड़ा संकट लोन मोराटोरियम के चक्रवृद्धि ब्याज को लेकर है. लेकिन अब सरकार ने उनकी मुश्किल आसान कर दी है.
2 करोड़ तक के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं
अगर किसी व्यक्ति या कंपनी ने दो करोड़ रुपये तक का लोन लिया है तो सरकार लोन के ब्याज पर ब्याज नहीं वसूलेगी, यानी चक्रवृद्धि ब्याज का चक्कर खत्म हो जाएगा. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि 6 महीने के इस लोन मोराटोरियम में MSME से लकर पर्सनल लोन तक शामिल हैं. यानि ऐसे लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लिया जाएगा.
केंद्र ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए ब्याज की छूट का भार सरकार उठाएगी. सरकार ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से इजाजत ली जाएगी.
पैनल के सुझावों पर सरकार ने बदला रुख
सुप्रीम कोर्ट में पहले सरकार ने कहा था कि वो ब्याज पर ब्याज को माफ नहीं कर सकते, क्योंकि इससे बैंकों की हालत पर असर पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने तब कर्जदारों की सहायता के लिए पूर्व CAG राजीव महर्षि की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया था. इस पैनल ने जो सुझाव दिए केंद्र ने उसे मानते हुए अपना पुराना रुख बदल दिया और अब चक्रवृ्द्धि ब्याज नहीं लेने का फैसला किया है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी.
6 महीने के मोराटोरियम की ये सुविधा सिर्फ उन्हीं कर्जदारों को मिलेगी, जिन पर 2 करोड़ तक के लोन हैं, इससे ज्यादा लोन वाले इस स्कीम से बाहर रहेंगे.
इन कर्जदारों को मिलेगी छूट
2 करोड़ तक के MSME लोन
2 करोड़ तक के एजुकेशन लोन
2 करोड़ तक के होम लोन
2 करोड़ तक के ऑटो लोन
2 करोड़ तक के कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन
2 करोड़ तक के क्रेडिट कार्ड बकाया
2 करोड़ तक के पर्सनल, प्रोफेशनल लोन
2 करोड़ तक के कंजप्शन लोन
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वो कुछ ठोस योजना के साथ ही कोर्ट में आए. कोर्ट ने मामले को बार-बार टालने पर नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने ये भी कहा था कि 31 अगस्त तक नहीं चुकाए गए लोन को NPA घोषित नहीं किया जाए.
आपको बता दें कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से आरबीआई ने मार्च में कर्जदारों को मोराटोरियम यानी लोन की EMI 3 महीने के लिए टालने की सुविधा दी थी. बाद में इसे 3 महीने और बढ़ाकर 31 अगस्त तक के लिए कर दिया गया. RBI ने कहा था कि लोन की किश्त 6 महीने नहीं चुकाएंगे, तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा. लेकिन, मोराटोरियम के बाद बकाया पेमेंट पर पूरा ब्याज देना पड़ेगा. ब्याज की शर्त को कुछ ग्राहकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उनकी दलील है कि मोराटोरियम में इंटरेस्ट पर छूट मिलनी चाहिए, क्योंकि ब्याज पर ब्याज वसूलना गलत है.