भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र अर्थव्यवस्था के लिए टॉर्चबेयरर है, जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6-7 फीसदी का योगदान देता है और कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार निर्माता है. इस क्षेत्र की स्थिति लगभग 220 सेक्टर्स से जुड़ी हुई है, इसलिए इस क्षेत्र पर किसी भी बदलाव या असर होने से उस दूसरे सेक्टर्स पर कई गुना ज्यादा प्रभाव होता है. केंद्र सरकार, राज्य सरकार और केंद्रीय बैंक विभिन्न नीतिगत उपायों के माध्यम से मांग और व्यापारिक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए राहत प्रदान कर रहे हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने आवास क्षेत्र के लिए सीधे प्रोत्साहन की दिशा में एक पहल के तौर पर स्टांप ड्यूटी में 3% की कमी की. इससे पहले मुंबई, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन, पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ और नागपुर में स्टांप ड्यूटी चार्ज 5 फीसदी था, जबकि बाकी महाराष्ट्र के लिए 6 फीसदी था. स्टांप ड्यूटी में कटौती के साथ इस साल में पहले एलान की गई स्टांप ड्यूटी में 1 फीसदी कटौती से हाउसिंग सेक्टर में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी. अगर आप इसको कैलकुलेट करें, तो स्टांप ड्यूटी रेट में साल की शुरुआत से 66% से ज्यादा की कमी हुई है.
डेवलपर्स और घर खरीदार दोनों को फायदा
यह इस साल में दूसरी बार है जब राज्य सरकार ने घर खरीदारों को राहत देने के लिए ऐसा कदम उठाया है. महाराष्ट्र सरकार को स्टांप ड्यूटी दरों में कटौती करने के लिए यह सबसे उपयुक्त समय था. हम त्योहारी सीजन के बीच में हैं और राज्य सरकार का यह कदम डेवलपर्स और घर खरीदार दोनों के लिए फायदेमंद है. जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं और सरकार नियमित व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अधिक से अधिक सेक्टरों को खोल रही है, इससे कारोबारों को रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है.
घर वह है जहां व्यक्ति सुरक्षित महसूस करता है, हाल ही में एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि ज्यादा लोग घर किराए पर लेने के बजाय खरीदना पसंद कर रहे हैं और उनकी प्राथमिकता रेडी टू मूव घरों की ओर ज्यादा हो रही है. स्टडी का नतीजा रजिस्ट्रेशन आंकड़ों से देखा जा सकता है, जिसमें पिछले कुछ महीनों से लगातार वृद्धि देखी गई है. रेडी टू मूव घर अब फोकस में होंगे क्योंकि घर खरीदारों को सिर्फ 2 फीसदी स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना होगा और इस पर अंडर-कंस्ट्रक्शन हाउसिंग यूनिट की तरह किसी भी तरह का जीएसटी नहीं लगता है. इसके अलावा राज्य सरकार का यह कदम केंद्र सरकार के आवास को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) के लिए 1 साल के विस्तार का एलान और आरबीआई द्वारा लेंडिंग रेट्स को दो दशक के निचले दर पर लाने के कदम का पूरक है.
लोगों को घर खरीदने के लिए करेगा प्रोत्साहित
स्टांप ड्यूटी में कटौती समयबद्ध है और इसमें तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए. स्टांप ड्यूटी में 2 फीसदी कटौती 1 सितंबर से 31 दिसंबर तक प्रभावी है, और 1 जनवरी, 2021 से 31 मार्च, 2021 तक यह 3 फीसदी होगी. यह सुनियोजित कदम लोगों को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगा. स्टांप ड्यूटी में भारी कटौती की वजह से बिक्री में वृद्धि से राज्य सरकार को होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई की उम्मीद है. केंद्र सरकार द्वारा 1 वर्ष के लिए CLSS स्कीम का विस्तार, अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स का एलान और उसे इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस देना राज्य सरकार द्वारा इस साल स्टांप ड्यूटी में 4% की कटौती और आरबीआई द्वारा रेपो दर में 110 bps की कटौती करके इसे 4 फीसदी तक लाने जैसे उपायों ने रियल एस्टेट में निवेश को सबसे अच्छा बनाया है.