नई दिल्लीः सरकार ने डिस्प्ले के आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है, इससे मोबाइल फोन के दाम तीन प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं. इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (India Cellular & Electronics Association) ने शुक्रवार (2 अक्टूबर) को यह बात कही. डिस्प्ले असेंबली (Display assembly) और टच पैनल (touch panel) पर यह शुल्क एक अक्टूबर से लगाए जाने का प्रस्ताव था. वर्ष 2016 में घोषित चरणबद्ध मैन्युफैक्चरिंग कार्यक्रम (पीएमपी) के तहत उद्योग के साथ सहमति में इसे लगाने का प्रस्ताव किया गया था.
आईसीईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू ने बयान में कहा, ‘‘इससे मोबाइल फोन की कीमतों में डेढ़ से तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.’’ पीएमपी का उद्देश्य कलपुर्जों के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन देना और उसके बाद इनके आयात को हतोत्साहित करना है.
महेंद्रू ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के ‘एम्बार्गो’ की वजह से उद्योग डिस्प्ले असेंबली के उत्पादन को पर्याप्त मात्रा में बढ़ा नहीं पाया. इसमें उद्योग उम्मीद के मुताबिक आगे नहीं बढ़ पाया. हम कलपुर्जों के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हालांकि, अब हमारा ध्यान वैश्विक बाजार में बड़ा हिस्सा हासिल करने पर है, सिर्फ आयात की ही भरपाई करने पर नहीं.’’
वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल प्रवर्तित वोल्कॉन इन्वेस्टमेंट्स ने ट्विनस्टार डिस्प्ले टेक्नोलॉजीज के नाम से 2016 में देश के पहले एलसीडी मैन्युफैक्चरिंग कारखाने की स्थापना का प्रस्ताव किया था. इस पर 68,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था. हालांकि, इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी नहीं मिली और यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई. महेंद्रू ने कहा कि आईसीईए जल्द डिस्प्ले पारिस्थितिकी तंत्र पर रिपोर्ट लेकर आएगी.