नई दिल्ली. भारत सरकार (Government of India) के गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने छह महीने बाद 21 सितम्बर को स्कूल और कॉलेजों को आंशिक रूप से खोलने की अनुमति प्रदान की. कक्षा 9 से 12 के स्टूडेंट्स गाइडेन्स के लिए कोरोना वायरस के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए स्कूल जा सकते हैं. हालांकि कड़े दिशा निर्देशों के बाद भी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक में स्कूल नहीं खोले गए. इन राज्यों ने पांच अक्टूबर तक स्कूलों को पूरी तरह से बंद रखने का निर्णय लिया है. जिन राज्यों में स्कूल खुले थे वहां भी बच्चों के माता-पिता ने उन्हें स्कूल भेजने में रूचि नहीं दिखाई और उपस्थिति भी न के बराबर रही.
गृह मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी SOP के जरिये स्कूल खोलने के निर्देश दिए थे. इसके बाद भी कुछ जगहों पर वैकल्पिक क्लासेज, स्कूलों में छात्रों के लिए निर्धारित संख्या आदि का प्रावधान किया और एक सप्ताह बाद उपस्थिति में कुछ सुधार दर्ज किया गया.
टाइम्स नाउ में छपे लेख के अनुसार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 80 फीसदी माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं. कन्टेनमेंट जोन से बाहर के 3.42 लाख बच्चों के माता-पिता स्कूल खोलने के राय में शामिल क्षेत्रों में नहीं थे. 72 हजार या बीस फीसदी पेरेंट्स ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए राजी हुए.
कुछ ऐसा ही कर्नाटक में भी देखने को मिला. सरकार ने पहले स्कूल खोलने की अनुमति दी लेकिन बाद में इस फैसले को बदल दिया. खबरों के अनुसार कर्नाटक सरकार अब भी स्कूल खोलने के लिए राजी नहीं है. तमिलनाडु में एक अक्टूबर से स्कूल खोले जाएंगे लेकिन केरल में अक्टूबर के लिए स्कूल बंद रहेंगे. ऐसे में अनलॉक 5.0 में भी इस बात की संभावना कम ही लग रही है कि पैरेंट्स बच्चों को स्कूल भेजेंगे.
अनलॉक 5.0 गाइडलाइन
पिछली गाइडलाइन में गृह मंत्रालय ने स्कूल आने की बाध्यता नहीं रखी थी. सिर्फ 9 से 12 क्लास के उन स्टूडेंट्स को अनुमति दी गई थी जो अपनी इच्छा से मार्गदर्शन के लिए स्कूल आना चाहते हों. स्कूलों को खोलने के लिए अक्टूबर में भी वही गाइडलाइन रखी जा सकती है. इसमें ज्यादा से ज्यादा राज्यों में आंशिक रूप से कक्षा 9 से 12 तक स्कूल खुलने की अपेक्षा की जा सकती है. कक्षा 1 से लेकर 8 तक के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासें अक्टूबर में भी जारी रहेंगी.