नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय 30 सितंबर 2020 को छोटी सेविंग स्कीम्स (Small Saving Schemes) के ब्याज दरों पर फैसला लेना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान छोटी सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दरें घटाई जा सकती है. खबरों में बताया गया है कि आरबीआई ने हाल में ही जिस तरह से ब्याज दरें घटाई हैं. वहीं, बॉन्ड यील्ड निचले स्तरों पर है. ऐसे में ब्याज दरें घटने की संभावना जताई जा रही है.
केंद्र सरकार 2016 से तिमाही आधार (Quarterly Basis) पर स्मॉल सेविंग स्कीम की समीक्षा कर ब्याज दरें तय करती है. वहीं, इससे इससे पहले ब्याज दरों में सालाना आधार पर बदलाव किया जाता था.
PPF की ब्याज दरें- अप्रैल-जून 2020 तिमाही में सरकार ने पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर 0.8 फीसदी घटाकर 7.1 फीसदी कर दी थी यानी जनवरी-मार्च 2020 तिमाही में इस पर 7.9 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा था. वहीं, मौजूदा तिमाही यानी जुलाई-अगस्त-सितंबर के दौरान भी ब्याज दरें 7.1 फीसदी है.
इसके अलावा सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (Senior Citizen Saving Scheme) में किए गए निवेश पर लोगों को 7.40 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है.इसके अलावा मंथली इनकम स्कीम (MIS) पर 6.6 फीसदी ब्याज मिल रहा है. NSC-नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर ब्याज दरें 6.8 फीसदी है. KVP-किसान विकास पत्र पर 6.9 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. सुकन्या पर ब्याज दरें 7.6 फीसदी है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर सरकार की बदलती रहती है, और यह उसी अनुसार लागू मानी जाती है. लेकिन टाइम डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना, राष्ट्रिय बचत सर्टिफिकेट (एनएससी) और किसान पत्र (केवीपी) में निवेश करेंगे, तो उस समय मिलने वाली ब्याज दर पूरी योजना अवधि में मिलती रहेगी.