भारत का टाटा ग्रुप अपने नए डिजिटल प्लेटफॉर्म में हिस्सेदारी के लिए संभावित निवेशकों से बातचीत कर रहा है. मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि कंपनी अपने कंज्यूमर बिजनेस को आधुनिक बनाना चाहती है क्योंकि रिटेल की बड़ी कंपनियां जैसे अमेजन इंक और अरबपति मुकेश अंबानी देश के ई-कॉमर्स बाजार में घुस रहे हैं. टाटा संस प्राइवेट 113 बिलियन डॉलर की होल्डिंग कंपनी है जो कॉफी से लेकर कार तक का समूह है, सलाहाकारों के साथ वित्तीय या रणनीतिक निवेशकों को लाने के लिए काम कर रहे हैं जिसमें ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियां भी शामिल हैं.
टाटा कारोबार के डिजिटल एसेट्स को साथ लाएगा
लोगों के मुताबिक, समूह की योजना टाटा कारोबारों के अलग-अलग डिजिटल एसेट्स को नई इकाई बनाने के लिए साथ लाने की है. टाटा संस के एक प्रतिनिधि ने हिस्सेदारी की बिक्री की चर्चा पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया. टाटा का प्लेटफॉर्म जो उसके कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के लिए ई-कॉमर्स गेटवे है जिसमें ज्वैलरी से लेकर रिसोर्ट हैं.
यह अंबानी, अमेजन डॉट कॉम और वॉलमार्ट इंक के भारतीय वेंचर फ्लिपकार्ट के महत्वकांक्षी योजना से मुकाबला कर सकता है और 1 बिलियन से ज्यादा कंज्यूमर के बाजार पर कब्जा करना चाहेगा. रिलायंस इंडस्ट्रीज इंक के चेयरमैन अंबानी एक डिजिटल साम्राज्य बनाना चाहते हैं जिसमें वे बड़े पार्टनर्स से 20 मिलियन डॉलर से ज्यादा जमा कर रहे हैं, जिनमें फेसबुक और गूगल शामिल हैं. ये फंड उनके नए बने टेक्नोलॉजी वेंचर जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के लिए है.
शुरुआती दौर में बातचीत
संभावित निवेशकों के साथ बातचीत अभी बेहद शुरुआती दौर में है और यह निश्चित नहीं है कि इसका नतीजा डील होगी. जहां बाहरी निवेशकों को लाने से टाटा के डिजिटल लक्ष्यों को मदद मिलेगी, वहीं इससे कंपनी को अपना कर्ज कम करने में भी मदद मिल सकती है जो कोरोना वायरस महामारी से उसके मुख्य कारोबार पर असर की वजह से हुआ है.
टाटा स्टील लिमिटेड का ग्रुप नेट डेट 30 जून की तारीख को 14 बिलियन डॉलर पर था जबकि टाटा मोटर्स लिमिटेड का नेट ऑटोमेटिव डेट, जो जेगुआर लैंड रोवर का स्वामित्व रखती है, लगभग 480 बिलियन रुपये था.