नई दिल्ली. रेलवे (Indian Railway) जल्द ही मुसाफिरों से यूज़र चार्ज (User Charges) वसूलने की तैयारी में है. ये चार्ज 10 रुपये के लेकर 35 रुपये तक हो सकता है. रेलवे ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है और इसे कैबिनेट की मंज़ूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा. फिलहाल देशभर के क़रीब एक हज़ार स्टेशनों से ट्रेन पकड़ने पर यह चार्ज वसूला जाएगा. इसके अलावा इन स्टेशनों पर गेस्ट को छोड़ने या उनको रिसीव करने वालों से भी यूज़र चार्ज वसूला जाएगा. सूत्रों के मुताबिक़ रेलवे लंबे समय से इसकी तैयारी कर रहा था और माना जा रहा है कि नवंबर महीने के पहले सप्ताह तक यह चार्ज लागू हो जाएगा. इस प्रस्ताव के मुताबिक़…
रेल यात्रियों से यूज़र चार्ज के नाम पर 10 से 35 रुपये तक वसूला जा सकता है. एसी क्लास के मुसाफिरों पर ज़्यादा यूज़र चार्ज लगेगा:
एसी-1 के लिए यह चार्ज 30 से 35 रुपये
एसी 2 के लिए 25 रुपये
एसी-3 के लिए 20 रुपये
स्लीपर क्लास के लिए 10 रुपये हो सकता है.
फिलहाल रेलवे की तरफ से जनरल क्लास के मुसाफिरों और सबअर्बन के मुसाफिरों से यह चार्ज नहीं वसूला जाएगा. लेकिन जो लोग किसी मुसाफिर को छोड़ने या रिसीव करने के लिए प्लेटफॉर्म तक जाएंगे, उनको प्लेटफॉर्म टिकट के अलावा 5 रुपये के आसपास यूज़र फ़ी अलग से देना होगा
यही नहीं रेलवे सबअर्बन पैसेंजर के मंथली पास को भी महंगा करने की योजना बना रहा है. सूत्रों के मुताबिक लंबे समय से सबअर्बन ट्रेनों का किराया नहीं बढ़ाया गया है इसलिए अब उनका मंथली सीज़न टिकट (MST) 5 रुपये के क़रीब महंगा हो सकता है.
दरअसल रेलवे की तरफ से स्टेशनों के रिडेवलपमेंट की योजना तैयार की गई है. शुरू में 50 रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ ही वहां होटल, मॉल, आॉफिस स्पेस, फूड प्लाज़ा, रेस्टोरेंट वगैरह बनाया जाएगा.
इनमें से कई स्टेशनों के रिडेवलपमेंट प्लान में कई निजी कंपनियों ने भी दिलचस्पी दिखाई है. रेलवे बोर्ड के CEO और चेयरमैन वीके यादव के मुताबिक़ जिन स्टेशनों का रिडेवलपमेंट PPP आधार पर होगा, वहां यूज़र फ़ी निज़ी साझेदारों को वसूलने दिया जाएगा. भारतीय रेल में क़रीब 7500 रेलवे स्टेशन हैं और फिलहाल क़रीब 1 हज़ार रेलवे स्टेशनों पर यूज़र फ़ी वसूला जाएगा.
हालांकि आमतौर पर एयरपोर्ट जैसी जगहों को रिडेवलप करने के बाद यूज़र चार्ज की वसूली होती है या फिर किसी सड़क को बेहतर करने के बाद उस पर टोल- चार्ज लगता है. लेकिन ये शायद पहला मौका है जब डेवलपमेंट से पहले यूज़र चार्ज लगाया जाएगा.